आंधी-तूफान से जनजीवन अस्त-व्यस्त, एमडी जैन कॉलेज में पंडाल गिरा, आधा दर्जन घायल
आगरा, 11 अप्रैल। आगरा मंडल के जिलों में गुरुवार की रात्रि आए आंधी-तूफान से जीवन अस्तव्यस्त हो गया। कई इलाकों से पेड़ गिरने और बिजली के खंभों के टूटने की खबरें आ रही हैं, जिससे बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। सड़कों पर यातायात भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हरिपर्वत चौराहे के निकट स्थित एमडी जैन इंटर कॉलेज मैदान में चल रहे श्री महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव में आंधी की वजह से पंडाल नीचे आ गिरा। इससे छह लोगों के घायल होने की खबर है। इस हादसे के बाद कवि सम्मेलन समेत सभी कार्यक्रम निरस्त कर दिये गये।
शहर के कई हिस्सों में आंधी से नुकसान की खबर है। कई स्थानों पर पेड़ उखड़ गए। विद्युत तारों के टूटने से अनेक क्षेत्रों में आपूर्ति बाधित हो गई। यातायात भी बाधित हुआ।
श्री दिगम्बर जैन परिषद के बैनर तले भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव का कार्यक्रम चल रहे हैं। शुक्रवार को रात आठ बजे के आसपास आई आंधी के दौरान कार्यक्रम स्थल का पंडाल नीचे आ गिरा। इससे वहां मौजूद लोग दब गये। चीख-पुकार मचने लगी। बिजली गायब होने से घुप्प अंधेरा छा गया था। मौके पर मौजूद लोगों ने अपने स्तर से ही पंडाल के नीचे दबे लोगों को बाहर निकाला। छह घायल लोगों को संजय प्लेस स्थित जीजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। इसके अलावा भी तमाम अन्य लोगों को चोटें आईं।
टूंडला, फिरोजाबाद में बिजली चमकने और बादलों की गरज के साथ बौछारें भी पड़ीं। आंधी के कारण बिजली गुल हो गई। इसके कारण लोगों को मुश्किलों का सामनाके करना पड़ा। धूल भरी आंधी के साथ तेज हवाएं चलने से दृश्यता काफी कम हो गई और लोगों को घरों के अंदर रहने के लिए मजबूर होना पड़ा। एक दिन पहले ही फिरोजाबाद में आकाशीय बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गई थी।
मथुरा जिले में भी आंधी के साथ मौसम में अचानक बदलाव देखने को मिला। आंधी के कारण यातायात भी बाधित हुआ। देश की राजधानी दिल्ली में शाम को धूल भरी आंधी के बाद कुछ इलाकों में पेड़ और पोल गिर गए हैं। ऐसे में ट्रैफिक सिस्टम प्रभावित हो गया।
सांसद नवीन जैन ने घायलों के प्रति व्यक्त की संवेदना
एमडी जैन मंदिर में इस दुखद घटना की सूचना मिलते ही सांसद ने तत्कालअपने सभी कार्यक्रम स्थगित कर घटनास्थल का दौरा किया।
सांसद जैन ने जीजी नर्सिंग होम भी पहुंचे, जहां घायलों का इलाज चल रहा था। उन्होंने घायलों और उनके परिजनों से मुलाकात कर उनका हाल-चाल जाना और ढांढस बंधाया। चिकित्सकों को निर्देश दिए कि घायलों का समुचित और सर्वोत्तम उपचार सुनिश्चित किया जाए।
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