उद्यमियों को घबराने की नहीं, बल्कि मजबूती से खड़े रहने की आवश्कता

आगरा, 09 अप्रैल। नेशनल चैंबर के जीवनी मंडी स्थित भवन में बुधवार को अमेरिकी टैरिफ: चिन्ता या अवसर’ विषय पर हुए संवाद कार्यक्रम में कहा गया कि वर्तमान उथल पुथल के दौर में उद्यमियों को घबराने की नहीं, बल्कि मजबूती से खड़े रहने की आवश्कता है। उद्यमियों को आपदा में अवसर तलाशने होंगे। निर्यात उद्योग के लिए सरकार को भी राहत एवं प्रोत्साहन देना चाहिए।
चैम्बर अध्यक्ष संजय गोयल ने कार्यक्रम के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि वैश्विक व्यापार में भारतीय उद्योगों के लिए नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं, और हमें इन अवसरों का भरपूर लाभ उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए।  
विभिन्न उद्योग विशेषज्ञों ने इस पर गहन चर्चा की और यह निष्कर्ष निकाला कि भारत के मुकाबले कई प्रतिस्पर्धी देशों के टैरिफ अधिक हैं। भारतीय उद्योगों के लिए यह एक बड़ा अवसर हो सकता है, क्योंकि भारतीय निर्यातकों को अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त प्राप्त हो सकती है। विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि भारतीय सरकार द्वारा समय-समय पर उठाए गए व्यापारिक कदमों और नीतियों के चलते भारतीय उद्योगों को वैश्विक बाजार में अधिक सफलता मिल रही है।
एफमेक के अध्यक्ष निर्यातक पूरन डाबर ने कहा कि भारतीय निर्यातकों के लिए अमेरिकी टैरिफ को एक अवसर के रूप में देखा जा सकता है। 
फुटवियर निर्यातक गोपाल गुप्ता ने कहा कि शुरुआती दौर में सरकार को निर्यातकों को कुछ राहत देनी चाहिए। प्रदीप वासन ने कहा कि हमें अमेरिका से पैरवी करनी चाहिए कि टैरिफ प्रोडक्ट टू प्रोडक्ट होना चाहिए न कि कम्वाइंड। सौरभ अग्रवाल ने कहा कि जो प्रोडक्ट अमेरिका में बनते ही नहीं हैं उन पर टैरिफ न के बराबर होना चाहिए। हैंडीक्राफ्ट उद्यमी अशोक जैन, प्रहलाद अग्रवाल एवं अनूप गोयल ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ बढ़ने से हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्टस बहुत महंगे हो जायेंगे और इससे उद्योग पर नकारात्मक असर पड़ेगा। अतः सरकार को हैंडीक्राफ्ट उद्योग के लिए विशेष सब्सिडी का प्रावधान करना होगा।
जूता उद्यमी ओपेन्द्र सिंह लवली, सीए सर्वेश वाजपेयी, पूर्व अध्यक्ष अनिल वर्मा ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन पूर्व अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने किया। उपाध्यक्ष विवेक जैन, कोषाध्यक्ष संजय अग्रवाल, के कालरा, अनिल बंसल भी उपस्थित रहे।
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