वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने के बाद आगरा में पुलिस सतर्क, संवेदनशील इलाकों की निगरानी
आगरा, 04 अप्रैल। वक़्फ़ बोर्ड संशोधन विधेयक संसद में पारित होने के बाद देशभ्रभके कई शहरों में चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। इसी के मद्देनजर पुलिस, प्रशासन ने पूरे दिन सतर्कता बरती। संवेदनशील इलाकों में विशेष निगरानी की गई।
शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान जामा मस्जिद समेत सभी प्रमुख मस्जिदों के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई। बड़ी संख्या में पुलिस बल और खुफिया विभाग के अधिकारी तैनात किए गए ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति न उत्पन्न हो।
हिंदुस्तानी बिरादरी संस्था के अध्यक्ष डॉ. सिराज कुरैशी ने कहा कि संस्था के सदस्यों ने संकल्प लिया है कि शहर में सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे और अफवाहें न फैलने दी जाएं। उन्होंने बताया कि ज़िला प्रशासन को सहयोग देने के लिए विशेष रूप से विभिन्न धर्मस्थलों, मुस्लिम बहुल इलाकों और संवेदनशील मार्गों पर निगरानी रखी गई।
डॉ. कुरैशी ने कहा, "आगरा एक ऐतिहासिक और पर्यटन नगरी है, जहां दुनिया भर से पर्यटक ताजमहल और अन्य धरोहरों को देखने आते हैं। हमारा प्रयास यही रहेगा कि वे इस शहर की एक सकारात्मक छवि लेकर लौटें।"
इस बीच मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक वक्फ संशोधन विधेयक के संसद में पास होने के बाद भाजपा नेता और उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशफाक सैफी को सोशल मीडिया पर लगातार धमकियां दी जा रही हैं। सैफी के गुन्नौर में रहने वाले बहनोई के साथ जुमे की नमाज के दौरान मारपीट किये जाने की खबर भी है।
वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने के बाद प्रदेश में हालांकि किसी भी जिले से विरोध प्रदर्शन की सूचना नहीं है, लेकिन भाजपा समर्थक मुस्लिम नेताओं को सोशल मीडिया पर धमकियों के साथ ही गालियां दी जा रही हैं। अशफाक सैफी ने बताया कि उन्हें सुबह से ही सोशल मीडिया पर तरह-तरह की धमकियां और गालियां दी जा रही हैं। किसी एक व्यक्ति ने तो ऑडियो भेजकर धमकाया है। उन्होंने बताया कि संभल जिले के गुन्नौर में रहने वाले उनके बहनोई जाहिद अली जुमे की नमाज अदा करने मस्जिद गये हुए थे, जहां कुछ लोगों ने उनके साथ महज इसलिए मारपीट कर दी कि वे उनके बहनोई हैं। सैफी ने कहा कि ये सब कराने वाले दूसरे ही लोग हैं, जो सीधे-सादे गरीब मुस्लिमों को भड़काते हैं। उन्होंने कहा कि सीएए के समय भी मुस्लिमों को इसी तरह भड़काया गया था कि सरकार तुम्हारी नागरिकता छीन लेगी। सीएए को लागू हुए तीन साल हो गये, क्या किसी मुस्लिम की नागरिकता छिनी है।
______________________________________
Post a Comment
0 Comments