राजनीतिक लाभ के लिए राणा सांगा विवाद को ठंडा न पड़ने देने की कोशिशें, सुमन के फिर बिगड़े बोल तो योगी यूथ ब्रिगेड की खुली चुनौती

आगरा, 16 अप्रैल। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सदस्य रामजीलाल सुमन द्वारा पिछले दिनों संसद में विवादित बयान दिए जाने के बाद जातिगत राजनीति चल पड़ी है। एक ओर करणी सेना सहित कई क्षत्रिय संगठन सुमन के खिलाफ लामबंद हैं और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी का भी उन्हें परोक्ष समर्थन नजर आता है, तो दूसरी ओर सपा को भी इस विवाद में राजनीतिक लाभ नजर आ रहा है। पार्टी को लगता है कि इस विवाद को हवा देकर मतदाताओं का ध्रुवीकरण किया जा सकता है। यही कारण है कि दोनों ओर से विवाद को ठंडा नहीं पड़ने देने की कोशिशें की जा रही हैं। 
करणी सेना विगत 26 मार्च को सपा सांसद रामजीलाल सुमन के निवास पर उग्र प्रदर्शन कर चुकी है। इसके बाद विगत दस अप्रैल को जिले में लाखों लोगों के साथ रक्त स्वाभिमान रैली करके क्षत्रिय समाज द्वारा शक्ति प्रदर्शन किया जा चुका है।
इस रैली के दौरान दबे स्वरों में बयान दे रहे रामजीलाल सुमन के बोल एक बार फिर तीखे हो गए हैं। पार्टी कार्यालय पर सोमवार को एक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने करणी सेना को चेतावनी दी और कहा, "19 अप्रैल को पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव आगरा आ रहे हैं। मैं उन लोगों से कहना चाहता हूं कि मैदान तैयार है- दो-दो हाथ होंगे।"
सुमन यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा, तुम ये कहोगे कि हर मस्जिद के नीचे एक मंदिर है, तो फिर हमें कहना पड़ेगा कि हर मंदिर के नीचे एक बौद्ध मठ है। गड़े मुर्दे मत उखाड़ो, वरना भारी पड़ जाएगा। अगर कहोगे कि मुसलमानों में बाबर का डीएनए है, तो तुम में किसका डीएनए है? जरा ये भी बता दो। मुसलमानों को साधते हुए उन्होंने कहा कि ये लड़ाई उन लोगों से है जो हिंदुस्तान के मुसलमानों को बाबर की औलाद कहते हैं। हम कहना चाहते हैं कि जब-जब इस देश की इज्जत दांव पर लगी, हिंदुस्तान के मुसलमान ने साबित कर दिया कि इस देश की मिट्टी से जितनी मोहब्बत हिंदू को है, उतनी मुसलमान को है। हिंदुस्तान के मुसलमान ने कभी बाबर को अपना आदर्श नहीं माना। 
बता दें कि सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने 21 मार्च को राज्यसभा में कहा था, 'भाजपा वालों का तकिया कलाम हो गया कि मुसलमानों में बाबर का डीएनए है। फिर हिंदुओं में किसका डीएनए है? बाबर को कौन लाया? बाबर को भारत में इब्राहीम लोदी को हराने के लिए राणा सांगा लाया था। मुसलमान बाबर की औलाद हैं तो तुम (हिंदू) गद्दार राणा सांगा की औलाद हो। यह हिंदुस्तान में तय हो जाना चाहिए। बाबर की आलोचना करते हैं, राणा सांगा की नहीं। 
इस बयान के बाद सुमन के घर पर उग्र प्रदर्शन हुआ। सुमन का समर्थन करने सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव और शिवपाल सिंह यादव यहां आ चुके हैं। अब  सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी शनिवार 19 अप्रैल को उनके निवास पर पहुंच रहे हैं। पार्टी की मंशा इस विवाद को हवा देकर छिटकते वोट बैंक को थामे रखने की है।
दूसरे दल भी इस मंशा को बखूबी समझ रहे हैं और राजनीतिक लाभ के लिए बयानबाजी जारी रखे हुए हैं। सुमन के ताजा बयान पर एक बार फिर तीखी प्रतिक्रिया आई। योगी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर अजय तोमर ने रामजीलाल सुमन को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनमें हिम्मत है तो बिना पुलिस सुरक्षा के मैदान में आएं, जहां बुलाना है वहां आ जाएं, योगी यूथ ब्रिगेड के कार्यकर्ता उनसे दो-दो हाथ करने के लिए तैयार हैं। अगर उनमें हिम्मत है तो पुलिस सुरक्षा और बाउंसरों को छोड़कर मैदान में आएं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह बयान सपा के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के इशारे पर दिया जा रहा है, रामजीलाल सुमन सिर्फ एक मोहरा हैं। उन्होंने कहा कि यह हिंदू समाज को बांटने की साजिश है, लेकिन हिंदू समाज जागरूक है और बंटेगा नहीं।
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