रामजीलाल सुमन के काफिले पर अलीगढ़ में करणी सेना का हमला, टायर और पत्थर फेंके गए, दस गाड़ियां आपस में टकराईं, आधा दर्जन घायल
आगरा/अलीगढ़, 27 अप्रैल। राज्यसभा में राणा सांगा पर विवादित टिप्पणी कर क्षत्रियों की नाराजगी लेने वाले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामजीलाल सुमन के काफिले पर रविवार को अलीगढ़ में हमला किया गया। क्षत्रिय समाज के युवक अचानक हाईवे पर आकर काफिले पर टायर और पत्थर फेंकने लगे। सांसद के काफिले में बीस से अधिक गाड़ियां थीं। हमले से बचने के लिए गाड़ियां तेजी से भागने लगी। इससे थोड़ी दूर जाकर काफिले की दस गाड़ियां आपस में टकरा गईं और आधा दर्जन लोग चोटिल हो गए। पुलिस-प्रशासन ने काफिले को रोका और रामजीलाल सुमन को वापस कर दिया।
हमले के बाद रामजीलाल सुमन ने कहा, हमारे काफिले पर पथराव हुआ। उस समय पुलिस की आंखें पता नहीं कहां लगी थीं? यूपी में कुछ वर्ग के लोगों पर सरकार मेहरबान है। दलित अत्याचार से परेशान हैं।
बता दें कि बुलंदशहर के कोतवाली देहात अंतर्गत गांव सुनहेरा में विगत 21 अप्रैल की रात दबंगों ने काले रंग की थार से दलित समाज के चार लोगों को कुचल दिया था। पुलिस ने कार्यवाही करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर घटना में इस्तेमाल काले रंग की थार को भी बरामद कर लिया था।
सांसद रामजीलाल सुमन ने बताया कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर वह प्रतिनिधिमंडल के साथ सुनेहरा जानकारी करने जा रहे थे।
अखिल भारतीय करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि जैसे ही पता चला कि रामजीलाल सुमन का काफिला अलीगढ़ से जा रहा है, विरोध करने की योजना बना ली गई। काफिला अलीगढ़ से गुजरा तो करणी सेना और क्षत्रिय समाज के लोगों ने रामजीलाल सुमन के खिलाफ नारेबाजी, विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। काफिले पर टायर फेंके गए और काले झंडे दिखाए। खेरेश्वर चौराहे पर करणी सेना के कार्यकर्ताओं को देखकर सपा सांसद के काफिले में हड़बड़ी मच गई। तेज रफ्तार से दौड़ रहे काफिले में गाड़ियां आपस में टकराकर क्षत्रिग्रस्त हो गईं। इसमें ब्रजमोहन राही, लल्लनबाबू, वीरपाल सिंह, सत्यपाल, सुरेश व विजयपाल सभी जनपद हाथरस के थाना चदंपा के गांव कुंवरपुर के निवासी घायल हो गए।
इसके बाद अलीगढ़ में ही गभाना टोल प्लाजा से करीब 150 मीटर पहले एक बार फिर से क्षत्रिय समाज के कुछ युवक इकट्ठे हो गए। उन्होंने सांसद के काफिले की गाड़ियों पर टायर और पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। गाड़ियों पर काली स्याही भी फेंकी गई। तुरंत ही मौके पर पुलिस आ गई। इस पूरे घटनाक्रम के चलते सांसद का काफिला बीस मिनट तक रुका रहा। बाद में बुलंदशहर पहुंचे सांसद रामजीलाल सुमन को शहर के अंदर जाने से प्रशासन ने मना कर दिया। कुछ कार्यकर्ताओं को ही आगे जाने दिया।
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