कंगना रनौत प्रकरण: कोर्ट में दोनों पक्षों के बीच बहस, आदेश के लिए छह मई नियत

आगरा, 24 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश के मंडी संसदीय क्षेत्र से भाजपा सांसद एवं फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के मामले में गुरुवार को स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए अनुज कुमार सिंह की अदालत में दोनों पक्षों की ओर से बहस हुई।
वादी वरिष्ठ अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने बताया कि कंगना की ओर से सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता अनसुइया चौधरी ने कोर्ट में रूलिंग और तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा कि अखबारों में और न्यूज़ चैनलों में जो भी समाचार छपे हैं, वह कंगना द्वारा दिए हुए नहीं है। कंगना ने तो कुछ अन्य न्यूज़ एजेंसी से जो पढ़ा था और अखबारों में छपा था, वही बोला था। छपी खबर पर किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
इस पर अधिवक्ता रमाशंकर एडवोकेट ने कहा कि अगर नेता विपक्षी दल राहुल गांधी, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जैसे तमाम नेताओं के विरुद्ध अखबारों और न्यूज़ चैनलों के आधार पर एफआईआर की जा सकती है या कोर्ट तलब कर सकता है तो फिर कंगना रनौत के मामले में क्यों नहीं कर सकता।
प्रतिवादी की अधिवक्ता ने कहा कि कंगना ने कभी भी महात्मा गांधी और शहीदों का अपमान नहीं किया और न ही किसानों का अपमान किया। इस पर वादी की ओर से कहा गया कि कंगना की इंस्टाग्राम पर पोस्ट को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं भाजपा के तमाम नेताओं ने तीव्र निंदा की थी और देश के तमाम इतिहासकारों, साहित्यकारों विद्वानों ने कंगना से महात्मा गांधी के प्रति की गई अभद्र टिप्पणी को लेकर उनसे पद्मश्री वापस करने की तक की मांग कर डाली थी। कंगना ने अगस्त, 2020 से दिसंबर 2021 तक धरने पर बैठे किसानों को हत्यारा, बलात्कारी और अलगाववादी बताया। 
करीब डेढ़ घंटे तक बहस सुनने के बाद कोर्ट ने आगामी छह मई आदेश की तिथि नियत कर दी। वादी अधिवक्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दुर्ग विजय सिंह, सुरेंद्र लाखन, रामदत्त दिवाकर, बी एस फौजदार, सुमंत चतुर्वेदी, राममोहन शर्मा, नौशाद अहमद, आर एस मौर्य,  नवीन वर्मा, उमेश जोशी सहित करीब तीन दर्जन से अधिक अधिवक्ताओं ने भाग लिया।
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