नगर निगम में बिड मैनेज कर चहेतों को टेंडर देने का आरोप, टेंडर न मिलने पर दिल्ली की फर्म ने महापौर से की शिकायत, महापौर ने नगरायुक्त को लिखा पत्र

आगरा, 26 अप्रैल। नगर निगम में बिड मैनेज कर चहेतों को टेंडर देने के आरोप लगे हैं। महज 11 पैसे (दशमलव 11) कम बिड लगाकर विनोद एंटप्राइजेज को लगभग आठ करोड़ रुपये के टेंडर मिले हैं। इसकी शिकायत टेंडर न मिलने पर दिल्ली की फर्म ने महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाहा से शिकायत की है। महापौर ने नगर निगम को राजस्व की हानि होने की आशंका के चलते नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल को उक्त मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं।
अमृत 2.0 (पार्क एवं ग्रीन स्पेस) योजना के अंतर्गत नगर निगम आगरा द्वारा यमुना किनारा रोड, झलकारी बाई चौराहा से वेदांत मंदिर तक यमुना बैंक साइड पार्क का सौंदर्यीकरण व विकास कार्य कराने के लिए लगभग 3.46 करोड़ रुपये और पालीवाल पार्क में सौंदर्यीकरण के कार्य के लिए 4.11 करोड़ रुपये की धनराशि के लिए 04 नवंबर 2024 से 13 नवंबर 2024 तक निविदाएं दैनिक समाचार पत्रों एवं ई-टेंडरिंग के माध्यम से आमंत्रित की गईं थीं। कोई निविदा प्राप्त न होने पर दिनांक 26 नवंबर 2024 से 09 दिसंबर 2024 ई-टेंडरिंग के माध्यम से निविदाएं आमंत्रित की गईं। इसमें चार निविदाएं प्राप्त हुईं। एक निविदा अर्ह पाए जाने पर 28 दिसंबर 2024 से फिर निविदा आमंत्रित की गई। इसमें तीन निविदादाताओं ने प्रतिभाग किया। मै. डी.के. कंस्ट्रक्शन और मै. सरन एंड कंपनी को तकनीकी अर्हता पूर्ण ने करने पर बाहर कर दिया गया और टेंडर मै. विनोद एंटरप्राइजेज को मिल गया। 
इसके बाद दिल्ली की कंपनी मै. सरन एंड कंपनी ने महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाहा से पत्र लिखकर शिकायत की और कहा कि उनकी कंपनी सभी अर्हताओं को पूर्ण करती है। निगम के अधिकारियों द्वारा गलत तरीके से दूसरी कंपनी को टेंडर दिया गया है। 
इस पर महापौर ने नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल को पत्र लिखकर उक्त मामले व नगर निगम के राजस्व को हानि पहुंचने की आशंका की जांच करने के लिए निर्देशित किया है। महापौर ने नगरायुक्त को पत्र में लिखा है कि "मै. सरन एंड कंपनी द्वारा इस आशय से शिकायत प्रेषित की है कि उनको बिना किसी कारण के निविदा प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया है, जबकि वे निविदा की समस्त अर्हता पूर्ण करते हैं। उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया है कि उनको फाइनेंसियल बिड के आधार पर निविदा प्रक्रिया से बाहर किया गया है जबकि अन्य स्वीकृत फर्मों की भी यही शर्ते हैं। महापौर ने लिखा कि नगर निगम को किसी भई प्रकार की वित्तीय क्षति न हो, इसका पूर्ण परीक्षण कर लें तथा उक्त निविदा की पत्रावली तीन दिन में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।"
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