आगरा की पच्चीकारी को जीआई टैग, मोदी शुक्रवार को वाराणसी में प्रदान करेंगे प्रमाण पत्र

आगरा, 10 अप्रैल। ताजमहल की बेमिसाल सुंदरता में चार चाँद लगाने वाली शहर की पच्चीकारी कला को जीआई टैग (Geographical Indication Tag) मिलने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वाराणसी में आयोजित एक समारोह में इस टैग का प्रमाण पत्र जारी करेंगे। इस अवसर पर हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन आगरा के अध्यक्ष रजत अस्थाना और कोषाध्यक्ष आशीष अग्रवाल को आमंत्रित किया गया है। सरकार के इस कदम से हस्तशिल्प उद्योग से जुड़े लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है। 
जीआई टैग (भौगोलिक संकेतक) किसी विशेष क्षेत्र से जुड़ी वस्तु को दिया जाता है जो उस क्षेत्र की विशिष्टता और गुणवत्ता को दर्शाता है। यह टैग उत्पाद की बौद्धिक संपदा के रूप में पहचान करता है और उसकी कानूनी सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है। वर्ष 2024 तक भारत में 450 से अधिक उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है। उत्तर प्रदेश में पहले 75 उत्पादों को यह मान्यता प्राप्त थी, अब नए 21 उत्पादों को शामिल किए जाने के बाद यह संख्या 96 हो जाएगी। उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जिसके पास सर्वाधिक 96 जीआई टैग प्राप्त उत्पादों की संख्या है।
हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अस्थाना ने बताया कि आगरा को जीआई टैग मिलने का श्रेय एसोसिएशन के सचिव डॉ. संतोष त्यागी को जाता है। उनके सतत प्रयासों और समर्पण से ही यह उपलब्धि संभव हो सकी है। वे स्वास्थ्य कारणों के चलते इस कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं हो पा रहे हैं।
पच्चीकारी को जीआई टैग मिलने से शहर के पर्यटन और हस्तशिल्प उद्योग में उत्साह की लहर है। यह मान्यता न केवल शहर की ऐतिहासिक पहचान को वैश्विक स्तर पर मजबूती देगी, बल्कि स्टोन हैंडीक्राफ्ट्स से जुड़े हजारों कारीगरों और उद्यमियों के लिए नए व्यापारिक अवसर प्रदान करेगी।
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