रबी तेल−तिलहन सेमिनार में उठी मांग, सरकार दे ध्यान तो देश का तेल उत्पाद करेगा तरक्की
आगरा, 22 मार्च। देशी, सस्ता और उच्च गुणवत्ता का उत्पाद है सरसों तेल, जोकि सेहत के लिए वरदान है तो देश के किसानों के लिए आर्थिक मजबूती का आधार। यदि सरकार ध्यान दे तो भारत का तेल उत्पाद तरक्की कर सकता है और देशवासियों को एक अच्छा खाद्य उत्पाद मिल सकता है। 45वें अखिल भारतीय रबी तेल तिलहन की दो दिवसीय सेमिनार के प्रथम दिन विमर्श सत्र में ये बात तेल उद्यमियों और व्यापारियों ने रखी।
सेमिनार का आयोजन उप्र ऑयल मिलर्स एसोसिएशन ने मस्टर्ड ऑइल प्रोड्यूसर्स एसोसियेशन ऑफ इंडिया (मोपा) और दी सेन्ट्रल आर्गेनाइजेशन फॉर ऑयल इण्डस्ट्री एवं ट्रेड (कुईट) के तत्वाधान में ताज होटल एंड कन्वेंशन सेंटर में किया गया है।
उप्र आयल मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय गुप्ता ने बताया कि सेमिनार के प्रथम दिन तेल उद्यमियों और व्यापारियों ने सरसों तेल की पैदावर और व्यवसाय में आने वाली चुनौतियों पर गहन मंथन किया। साथ ही वो संभावनाएं तलाशीं जिनसे सरसों तेल को राष्ट्रीय स्तर के साथ अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ब्रांड के रूप में पेश किया जा सके। रविवार को सेमिनार का विधिवत उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल सुबह 10 बजे करेंगे। उन्होंने कहा कि एफएसएसआई जब कोई कार्यवाही करती है तो उस कार्रवाई की चपेट में रिटेलर और उत्पादक दोनों आ जाते हैं जबकि मुख्य आरोपी पैकर्स होते हैं।
राष्ट्रीय संयोजक दिनेश राठौड़ ने बताया कि सरसों तेल देश का उत्पाद है, जोकि आर्थिक रूप से दृढ़ता तो प्रदान कर ही सकता है साथ ही सेहत के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं है। बस यही बात यदि सरकार ध्यान रखे और विदेशी तेलों के समांतर ही सहूलियतें प्रदान करे तो देश को एक अच्छा खाद्य उत्पाद मिल सकता है। उन्होंने बताया कि सेमिनार में निर्णय लिया गया है कि सभी तेल उद्यमी एकजुट होकर सरसों तेल की विश्व मंच पर ब्रांडिंग करेंगे।
मोपा एवं कुईट के प्रेसीडेंट बाबू लाल डाटा ने कहा कि प्रतिवर्ष यह रबी सेमिनार भिन्न-भिन्न स्थानों पर आयोजित होती है। छह वर्ष बाद हमें इस सेमिनार को आगरा में आयोजित करने का मौका मिला है। कुईट चेयरमैन सुरेश नागपाल ने बताया कि सेमिनार में पूरे देश के तेल तिलहन से जुड़े 1200 से अधिक व्यापारियों उद्योगपतियों, तेल उद्योग की मशीनरी के निर्माणकर्ता एवं खाद्य तेल के पैकिंग में लगने वाले जार बोतल, पाउच एवं इनके साथ इनकी प्रिन्टिंग मैटेरियल के निर्माताओं ने भाग लिया है। यह सेमीनार रबी फसल के उत्पादन गुणवत्ता एवं इसके भविष्य के लिए आयोजित की गयी है। उप्र आयल मिलर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भरत भगत ने कहा कि यह सेमिनार तेल तिलहन का महाकुम्भ है। लघु उद्योग भारती के प्रदेश सचिव मनीष अग्रवाल रावी ने कहा कि सरसों तेल पूर्ण रूप से भारतीय उपज है। सरकार की नीतियां इस उपज को विश्व में ब्रांड के रूप में स्थापित कर सकती हैं।
एसोसिएशन के सयुंक्त उपाध्यक्ष कुमार कृष्णा गोयल ने कहा कि सेमिनार के दूसरे दिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एवं केंद्र राज्य मंत्री प्रो एसपी सिंह बघेल के समक्ष वर्तमान की चुनौतियों एवं समाधान रखे जाएंगे ताकि सरकार तक हमारी मांगे पहुंच सकें। सेमिनार में स्मारिका का विमोचन भी किया जाएगा जिसमें तिलहन-तेल क्षेत्र से सम्बन्धित तमाम जानकारी, आंकड़े तथा सूचना समाहित होंगी।
प्रथम दिन कुमार गोयल, विनोद राजपूत, अनिल छतर, अजय झुनझुनवाला, गजेंद्र झा, महेश गोयल, सुनील गोयल, एसके जैन, दीपक गुप्ता, महेश राठौड़, राकेश गुप्ता, मधुकर गुप्ता, वासु पंजवानी, नरेश करीरा, रमन जैन, जयराम, रामप्रकाश राठौड़, जोनू गुप्ता, राघव गुप्ता, संजोग गुप्ता, राजीव गुप्ता, संदीप उपाध्याय एवं सागर तोमर आदि उपस्थित रहे।
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