किसके सिर सजेगा चैंबर अध्यक्ष का ताज? शहरभर के उद्यमियों और व्यापारियों की लगी निगाहें। मतदान कल सुबह साढ़े दस बजे से || वोट बैंक को अपने-अपने पाले में खींचने की कसरत अंतिम समय तक जारी
आगरा, 09 मार्च। नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स के वार्षिक चुनाव कल दस मार्च को वाटर वर्क्स चौराहे के निकट स्थित अग्रवन में होने जा रहे हैं। सुबह साढ़े दस बजे से दोपहर तीन बजे तक मतदान होगा। उसके तुरंत बाद वोटों की गिनती शुरू कर दी जाएगी और परिणाम घोषित कर दिया जाएगा।
चैंबर चुनावों में संभवतः पहली बार अध्यक्ष पद पर त्रिकोणीय मुकाबला है और तीनों ही प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत के प्रति आत्मविश्वास से भरे हुए हैं। हालांकि अंतिम क्षणों तक वोटरों को अपने-अपने पाले में खींचने की रस्साकसी जारी है। अध्यक्ष पद के प्रत्याशी संजय गोयल एडवांस, योगेश जिंदल और अनिल अग्रवाल ने अपने समर्थकों के साथ मतदाताओं को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। प्रत्याशियों की मेहनत से जल्दी-जल्दी समीकरण बन और बिगड़ भी रहे हैं। तीनों ही प्रत्याशी बड़े वोट बैंक वाले व्यापारी ग्रुपों का समर्थन करने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं। ये प्रत्याशी कहीं से भी कमजोर स्थिति की चर्चा सुनते ही उस ओर दौड़ लगा देते हैं और स्थिति को अपने पक्ष के करने की जुगत बिठाने में लग जाते हैं। यह भी माना जा रहा है कि तीन प्रत्याशियों के होने से जीत का अंतर बेहद कम भी रह सकता है।
यही हाल अन्य पदों के लिए प्रत्याशियों का है। उपाध्यक्ष पद पर कभी संजय गोयल (आगरा स्टील) तो कभी विवेक जैन, कभी गोपाल खंडेलवाल तो कभी नीरज अग्रवाल के प्रचार में आगे होने की चर्चा हो रही है। कोषाध्यक्ष पद पर संजय अग्रवाल जीत के प्रति पूरी तरह आश्वस्त नजर आ रहे हैं तो विनय मित्तल भी कमजोर पड़ते दिखाई नहीं दे रहे हैं। दोनों ही अपने वोटों के गणित के प्रति आश्वस्त हैं।
मतदाताओं ने भी इस बार खुलकर साथ आने की बजाय चुप्पी साध रखी है। वे हर प्रत्याशी को आश्वासन दे रहे हैं। असल में वे किसका साथ देंगे यह तो सोमवार को होने वाला मतदान ही बता सकेगा।
पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
चैंबर चुनावों में इस बार चार प्रमुख पदों के साथ कार्यकारिणी के तीन ग्रुपों के लिए भी मतदान होगा। शेष 11 ग्रुपों में चुनाव की स्थिति नहीं बनी। देखना होगा कि तीन ग्रुपों और चार प्रमुख पदों के लिए कितने मतदाता मतदान करते हैं। माना जा रहा है कि मतदाताओं का रुझान ही परिणामों की दिशा तय कर देगा। इसके लिए प्रत्याशियों ने भी कमर कस ली है और अपने समर्थक मतदाताओं को अधिक से अधिक संख्या में मतदान स्थल तक लाने की तैयारी है। समर्थकों से चुनाव स्थल पर सक्रिय रहने को कह दिया गया है।
इधर शुरुआत में बाउंसरों की ड्यूटी लगाने से इनकार कर रही चुनाव समिति ने चुनावी गहमागहमी को देखते हुए आधा दर्जन बाउंसरों को भी तैनात करने का निर्णय ले लिया। चुनाव समिति के अध्यक्ष प्रदीप वार्ष्णेय ने बताया कि कुल 1477 मतदाता हैं, जिन सदस्यों का शुल्क चार मार्च तक जमा हो गया है, वह वोट दे सकते हैं।
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