बैकफुट पर आया रेलवे प्रशासन, अंबेडकर भवन तोड़ने का नोटिस हटाया गया, अनुयाइयों की ठोस आश्वासन की मांग

आगरा, 17 मार्च। शहर में शाहगंज बारहखंभा स्थित अंबेडकर भवन पर रेलवे की कार्रवाई फिलहाल टल गई है। रेलवे अधिकारियों ने अंबेडकर भवन पर लगे नोटिस को हटा दिया है। रेलवे आगे कोई कार्रवाई बिना आपसी सहमति के नहीं करेगा। हालांकि अंबेडकर अनुयाइयों की नाराजगी कम नहीं हुई है, उनका कहना है कि बेशक रेलवे ने कार्रवाई अभी नहीं की है, लेकिन आगे कोई कार्रवाई नहीं होगी, इसके लिए भी उन्हें लिखित में आश्वासन चाहिए।
रेलवे द्वारा की गई नोटिस की कार्रवाई से अंबेडकर अनुयाइयों में आक्रोश था। इसके खिलाफ राजनैतिक दलों ने भी मोर्चा खोल दिया। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और सांसद चंद्रशेखर के हस्तक्षेप के बाद कांग्रेस पार्टी भी में विरोध में उतर आई। सोमवार को कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में लोगों ने मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय पर प्रदर्शन किया।
बता दें कि होली से दो दिन पूर्व रेलवे ने बारहखंभा में बने अंबेडकर भवन पर एक नोटिस चस्पा किया था। जिसमें उसे अतिक्रमण घोषित कर ध्वस्त करने के आदेश थे। पूर्व मुख्यमंत्री बीएसपी सुप्रीमो मायावती और नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद ने भी इसका विरोध किया। रेल मंत्रालय को पत्र लिखे गए। इधर अंबेडकर अनुयाइयों की भीड़ अंबेडकर भवन पर एकत्रित होने लगी। 
लोगों की इस प्रतिक्रिया से रेल प्रशासन फिलहाल बैकफुट पर आ गया लगता है। डीआरएम आगरा तेज प्रकाश अग्रवाल ने बताया कि अभी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जो भी इस कार्रवाई से प्रभावित पार्टियां हैं, उनके साथ आपसी विचार-विमर्श के बाद कार्रवाई होगी।
रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा के चलते रेलवे ट्रैक के किनारे बाउंड्रीवॉल बनाई जा रही है। ये काम देश भर में चल रहा है। आगरा में 20 ऐसी बिल्डिंगों को चिन्हित किया गया था जो कि रेलवे के ट्रैक किनारे और रेलवे की भूमि पर बनी है। इन्हीं भवनों में बारहखंभा स्थित अंबेडकर भवन भी शामिल है। यहां नोटिस चस्पा किए जाने की खबर तेजी से लोगों के बीच पहुंची और अनुयाइयों की भीड़ अंबेडकर भवन पर एकत्रित होने लगी। सोमवार को एसपी रेलवे और स्थानीय पुलिस की टीमें अंबेडकर भवन पहुंचीं। उन्होंने भवन पर लगा नोटिस हटा दिया है। इसके बावजूद भी लोगों में आक्रोश व्याप्त है। स्थानीय लोगों का कहना है कि आगे कोई कार्रवाई नहीं होगी, इसके लिए उन्हें लिखित में आश्वासन चाहिए।
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