डीसीपी सिटी के हस्तक्षेप पर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म, दो सिपाही निलम्बित, दो लाइन हाजिर
आगरा, 01 फरवरी। शहर में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े निजी डॉक्टरों की हड़ताल 24 घंटे बाद खत्म हो गई। इसके साथ ही निजी अस्पताल और क्लीनिक भी खोल दिए गए। हड़ताल को खत्म करने में डीसीपी सिटी सूरज राय का प्रमुख हस्तक्षेप रहा। डीसीपी के साथ चली दो घंटे की मीटिंग के बाद डॉक्टरों ने हड़ताल वापस लेने का फैसला लिया। डीसीपी सिटी ने बताया कि दो पुलिस कर्मियों को शुक्रवार की रात लाइन हाजिर कर दिया गया था। इसके बाद शनिवार को दो ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को निलंबित करने के निर्देश दिए गए। जिस महिला पर डॉक्टर से अभद्रता करने का आरोप था, वह डीसीपी सिटी कार्यालय में लिखित माफीनामा देने को तैयार हो गई।
डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने मीटिंग में डॉक्टरों से कहा कि आप सभी को धरती पर ईश्वर का रूप कहा जाता है। जो घटना हमारे थाने में हुई वो दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके लिए मैं माफी मांगता हूं। आप सभी से अनुरोध करता हूं कि आप अपने काम पर लौटें। दो-तीन लोगों की गलती की सजा हजारों मरीजों को न दें।
डीसीपी ने आश्वासन दिया कि जिन दो यातायात पुलिसकर्मियों को डॉ. अविनाश ने पहचाना है, उनके निलंबन के लिए रिपोर्ट डीसीपी ट्रैफिक और वरिष्ठ अधिकारियों को भेजेंगे। साथ ही एक व्हाट्स एप ग्रुप भी बनाया जाएगा, जिसमें डॉक्टर्स और पुलिस अधिकारी होंगे। डॉक्टर अपने साथ होने वाली घटनाओं और समस्याओं की जानकारी इस ग्रुप में देंगे। पुलिस इन समस्याओं पर नियमानुसार कार्यवाही करेगी।
आईएमए अध्यक्ष डॉ. अनूप दीक्षित ने बताया कि डॉ. अविनाश को जिस समय हवालात में डाला गया था, उनके पास सबसे दो महिला डॉक्टर पहुंची थी। इंस्पेक्टर की पत्नी डॉ. अनीता ने उनके साथ भी अभद्रता की। इन महिला डॉक्टरों के सामने भी डॉ. अनीता माफी मांगने को तैयार है।
गौरतलब है कि डॉक्टर और पुलिस के बीच हुए टकराव के बाद से आईएमए हड़ताल पर थी। गुरुवार को एक सर्जन के साथ हुई अभद्रता के विरोध में आईएमए के सभी सदस्य शुक्रवार को हड़ताल पर चले गए थे। लगभग दो हजार डॉक्टर्स ने प्राइवेट अस्पताल, क्लीनिक सहित पैथोलॉजी आदि बंद कर दिए थे। आईएमए भवन पर शुक्रवार को इंस्पेक्टर सिकंदरा नीरज शर्मा पहुंचे थे उन्होंने डॉक्टरों के सामने माफी मांगते हुए कहा था कि वे उस समय थाने पर नहीं थे। इसके बाद भी डॉक्टर नहीं माने कहा कि हवालात में डॉक्टर को क्यों डाला गया। इसके बाद डॉक्टरों ने शाम चार बजे हड़ताल की घोषणा कर दी थी।
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