तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे...,जन्म शताब्दी पर गूंजे रफी के नगमे

आगरा, 21 दिसम्बर। 70-80 के दशक में हर दिल की धड़कन मोहम्मद रफी के नग्मे फिर गूंजे तो हर तरफ संगीत के स्वरों की महक बिखर गई। तुम मुझे यूं भुला न पाओगे... गीत ने अहसास कराया कि रफी जैसे फनकार को भूला नहीं जा सकता। 
आगरा कल्चरल एसोसिएशन द्वारा आयोजित मोहम्मद रफी की जन्म शताब्दी के अवसर पर संगीत संध्या का आयोजन खंदारी स्थित यूनिवर्सिटी कैम्पस के जेपी सभागर में किया गया। 
कलाकारों में डॉ.मंजरी शुक्ला ने- अभी ना जाओ छोड़ कर, हरीश आहूजा- ओ दूर के मुसाफिर, श्रीकांत- तेरी आँखों के सिवा, प्रिंस सोलंकी- हुई शाम उनका, राजू सक्सेना- ओ दुनिया के रखवाले, अरुण साहू- छू लेने दो नाजुक होंठो को, शिवकुमार शर्मा- याद न जाये, सीमा रानी- मेरे मितवा, देवेश अग्रवाल- क्या हुआ तेरा वादा, डॉ.विकास जैन- साथी न कोई मंजिल, अरुन माथुर-खिलौना जान कर, विशाल रायजादा- कहता है जोकर, रत्नम रायजादा- एहसान तेरा, रजत गोयल- आज मौसम बड़ा, तरंग-बजे रे मुरलिया आदि नगमे सुनाकर समां बांध दिया। कार्यक्रम का संगीत निर्देशन अध्यक्ष सुभाष सक्सेना व संचालन महासचिव आरपी सक्सेना द्वारा किया गया। संगीत कलाकारों में आरोही श्रीवास्तव, मुकेश शुक्ला, पंकज भाई, कयूम भाई भी थे।
इससे पहले मुख्य अतिथि समाजसेवी पूरन डावर, विशिष्ट अतिथि विजेंद्र रायजादा व देवेंद्र गांधी (दिल्ली), संरक्षक - डॉ.रूपक सक्सेना, डॉ.विकास जैन, राजीव झा, सुनील अग्रवाल, कोषाध्यक्ष शिव कुमार शर्मा, महासचिव आरपी सक्सेना द्वारा माँ सरस्वती पर पुष्प अर्पित व दीप प्रज्ज्वलन किया गया। संस्था के चेयरमैन धन्वन्तरि पाराशर ने बताया कि वालीबुड के बेहतरीन कलाकार शो मैन राज कपूर साहब की भी जन्म शताब्दी है। उनको भी संस्था द्वारा श्रद्धांजलि दी गई। साथ ही साथ मरहूम उस्ताद तबला बादक पद्म भूषण जाकिर हुसैन को भी श्रद्धांजलि दी गई।
व्यवस्था में दीपक गुप्ता, आरती श्रीवास्तव, रुचिता भटनागर, रुचि शर्मा, रीनू गिरी, निधि गुप्ता, डॉ.नीरज स्वरूप, नितिन जौहरी, शैलेश सक्सेना, मुकेश शर्मा, डॉ.गोविंद नारायण पांडे, भरत माथुर आदि रहे।
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