द्वि-दिवसीय 60वां निनाद महोत्सव 14 और 15 को आगरा में, कई संगीतज्ञ भाग लेंगे

आगरा, 12 दिसम्बर। पं. रघुनाथ तलेगांवकर फ़ाउंडेशन ट्रस्ट एवं महिला प्रकोष्ठ, डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में संगीत कला केन्द्र, आगरा एवं प्राचीन कला केन्द्र, चंडीगढ़ के सहयोग से आयोजित अखिल भारतीय महर्षि पं. विष्णु दिगम्बर पलुस्कर संगीत सम्मेलन का वृहद आयोजन दिनांक 14 एवं 15 दिसम्बर को जे. पी. सभागार, खंदारी, आगरा में आयोजित किया जा रहा है।
ट्रस्ट की सचिव प्रतिभा केशव तलेगांवकर की सूचना के अनुसार द्वि-दिवसीय निनाद महोत्सव में तीन सभाओं के अंतर्गत भारत के नवोदित एवं प्रतिष्ठित कलाकार अपनी कला प्रस्तुति देंगे। शनिवार 14 दिसंबर को उद्घाटन सायं 5 बजे कुलपति प्रो आशु रानी द्वारा किया जाएगा।
प्रथम सभा सबरस संगीत संध्या सुलभा तलेगांवकर को समर्पित होगी, जिसमें पद्मभूषण अजय चक्रवर्ती के शिष्य ब्रजेश्वर मुखर्जी शास्त्रीय गायन प्रस्तुत करेंगे। सहयोगी कलाकार - महमूद खां तबला एवं पं. रवींद्र तलेगांवकर संवादिनी पर संगत करेंगे। द्वितीय प्रस्तुति लखनऊ घराने के नवोदित युगलवृन्द‌ अनुज मिश्रा और नेहा सिंह मिश्रा कथक नृत्य युगलबंदी प्रस्तुत करेंगे।  सहयोगी कलाकार विकास मिश्रा तबला, अरविंद मसीह सितार एवं पं. रवींद्र तलेगांवकर संवादिनी‌। 
रविवार 15 दिसम्बर को प्रातः 9 बजे नाद साधना प्रातः कालीन संगीत सभा संगीत समीक्षक डा. मुकेश गर्ग को समर्पित होगी। इस सभा के मुख्य अतिथि बाबा प्रीतम सिंह अध्यक्ष - गुरु का ताल गुरुद्वारा होंगे। सभा में जयपुर की डा. उमा विजय एवं उनके शिष्य वृन्द पं. रघुनाथ तलेगांवकर की जन्मशती के अवसर पर पं. जी द्वारा रचित आदि भैरव और उसके प्रकार की प्रस्तुति करेंगे। सहयोगी कलाकार‌ हेमेन्द्र गुप्ता संवादिनी‌ एवं डा. लोकेन्द्र तलेगांवकर तबला संगति करेंगे। तदोपरांत मृदंग महर्षि  स्वामी पागल दास के प्रमुख शिष्य डा. संतोष नामदेव हरिद्वार पखावज वादन प्रस्तुत करेंगे। सहयोगी कलाकार पं. रवींद्र तलेगांवकर संवादिनी‌ | तत्पश्चात सेनिया-मैहर घराने के देवाशीष एवं देवादित्य चक्रवर्ती गिटार-सितार युगलबंदी प्रस्तुत करेंगे। सहयोगी कलाकार डॉ हरिओम हरि तबले पर साथ होंगे। 
निनाद महोत्सव की समापन सभा सायं 5 बजे गुरु एम.एल. कौसर‌ को समर्पित होगी, जिसमें संगीत मनीषीयों एवं संस्कृति संरक्षकों को सम्मानित किया जायेगा। मुख्य अतिथि के रूप में राधेश्याम पारीक संस्थापक पारीक फाउंडेशन होंगे। समापन सत्र में ग्वालियर घराने के प्रमुख कलाकार प्रो. जयंत खोत शास्त्रीय गायन प्रस्तुत करेंगे। सहयोगी कलाकार पं. रवींद्र तलेगांवकर संवादिनी‌ डा. लोकेन्द्र तलेगांवकर तबले पर संगत करेंगे। कार्यक्रम की समापन प्रस्तुति के रूप में अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त बांसुरी वादक पं. अजय शंकर प्रसन्ना बांसुरी वादन प्रस्तुत करेंगे। तबले पर सहयोगी कलाकार डा. हरिओम हरि, खैरागढ़ होंगे।
________________________________

ख़बर शेयर करें :

Post a Comment

0 Comments