नटराजपुरम के जिस आंगन में खुशियों के दीप झिलमिला रहे थे, वहां पसरा है मातम, घर से एक-एक कर पांच शव उठे तो हर आंख हुई नम

आगरा, 02 नवम्बर। कमलानगर के नटराजपुरम कॉलोनी में विगत शाम तक दीपावली का उल्लास छाया था, लेकिन जैसे ही लोगों को कॉलोनी के ही अनुज अग्रवाल के परिवार में हादसे के पांच लोगों की जान चली जाने की जानकारी हुई तो वे शोक में डूब गए।
शुक्रवार रात करीब दस बजे जब एक-एक कर पांच शव अनुज अग्रवाल के घर पहुंचे तो कोहराम मच गया। किसी ने सोचा भी नहीं था कि ठीक 24 घंटे पहले जिस आंगन में खुशियों के दीप झिलमिला रहे थे, वहां पर मातम पसर जाएगा। घर से एक-एक कर अंतिम संस्कार के लिए शव उठे तो हर आंख नम हो गई।
आगरा में कमला नगर की नटराजपुरम कॉलोनी में रहने वाले अनुज कुमार की सिकंदरा-बोदला रोड पर हार्डवेयर की दुकान है। उनके छोटे भाई सौरभ अग्रवाल नोएडा के सेक्टर 45 में शिवालिक बैंक में कार्यरत हैं। वे नोएडा के सेक्टर 66 में परिवार के साथ रहते हैं। सौरभ दीपावली पर परिवार के साथ घर आए थे। 31 अक्टूबर की रात सभी ने आतिशबाजी की। रात में ही उन्होंने अगले दिन बुलंदशहर के निकट बेलौन वाली माता के दर्शन और गंगा स्नान की योजना बना ली। कॉलोनी के लोगों ने बताया कि शुक्रवार सुबह सात बजे दोनों भाई कार में परिवार के साथ गंगा स्नान और बेलौन वाली माता के दर्शन के लिए निकले थे।
बेलौन से लौटते समय हाथरस के चंदपा में कार डिवाइडर से टकराकर 20 फीट गहरी खाई में गिर गई। इसमें अनुज की पत्नी सोनम (40), बेटा निताई (05) और सौरभ की पत्नी रूबी (38), बेटा चेतन्य (01) की मौत हो गई। वहीं अनुज, उनकी बेटी धन्वी और सौरभ, उनका बेटा गौरांग घायल हो गए। चारों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। रात में गौरांग (09) ने भी दम तोड़ दिया। रात दस बजे तीन एंबुलेंस से पांचों के शव घर पहुंचे। शव के पहुंचते ही कोहराम मच गया। रात करीब 10.30 बजे परिजन, रिश्तेदार और कॉलोनी के लोग पांचों शव लेकर अंतिम संस्कार के लिए चल दिए। सोनम और रूबी की अर्थी सजी तो तीनों बच्चों को परिवार और रिश्तेदार गोद में लेकर बल्केश्वर घाट पहुंचे। देर रात सभी शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
अनुज और सौरभ दोनों भाइयों के परिवार में बहुत प्यार था। वे एक-दूसरे से मिलकर रहते थे। सौरभ हर त्योहार पर यहां आते थे। हादसे में घायल हुए सौरभ ने रिश्तेदारों को बताया कि बड़े भाई अनुज कार चला रहे थे। मैं आगे बैठा था, अचानक अनुज चीखे। इसके बाद गाड़ी डिवाइडर से टकराकर खाई में पलट गई। हादसे का कारण क्या है? इसकी जानकारी नहीं हो पाई।
इसलिए नहीं साथ गईं मां और इशिता
अनुज और सौरभ ने अपनी मां से भी साथ चलने को कहा था। मां ने कहा था कि त्योहार पर घर सुनसान नहीं छोड़ते। इसलिए वो बेटों के साथ नहीं गई थीं। ऐसे में अनुज की बड़ी बेटी इशिता भी दादी के पास ही रुक गई थी। अन्य सभी भाई-बहन साथ में गए थे। हादसे की जानकारी होने पर इशिता का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। अनुज की मां सुधा अग्रवाल हृदयरोगी हैं। हाथरस में हादसे में दोनों बहुओं और तीन पोतों की खबर सुनकर उनकी हालत बिगड़ सकती थी। इसलिए परिजनों ने रात तक उन्हें जानकारी नहीं दी। देर रात जब एक साथ पांच शव घर पहुंचे, ये देखकर वे बेसुध हो गईं।
अनुज ने अपने छोटे भाई सौरभ के बेटे निताई को गोद ले लिया था। तब से वह अनुज के साथ ही रहता था। हादसे में निताई की भी मौत हो गई। उधर, सौरभ के दोनों बेटों चैतन्य और गौरांग की भी हादसे में मौत हो गई। दोनों की पत्नियों की भी मौत हो गई।
________________________________________






ख़बर शेयर करें :

Post a Comment

0 Comments