नगर निगम में पुनरीक्षित बजट पर कार्यकारिणी की बैठक; सड़कों की मरम्मत के लिए बजट 3000 लाख से बढ़कर 5000 लाख रुपये किया गया, नए वाहनों के खर्च की होगी जांच
-वाहनों के रखरखाव, पशुओं के बंध्याकरण, एलईडी स्थापना, मैनहोल मरम्मत, नलकूप निर्माण एवं मरम्मत का बजट घटाया, सीवर लाइन के रखरखाव का बजट बढ़ाया
- स्लॉटर हाउस से आय का लक्ष्य 570 लाख से घटाकर 70 लाख, शराब की दुकानों के लाइसेंस शुल्क के हिस्सेदारी मांगेगा निगम, कूड़ा जलाने, गंदगी करने, अतिक्रमण करने पर लगेगा अधिक दंड
आगरा, 20 नवम्बर। नगर निगम में बुधवार को महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाह की अध्यक्षता में पुनरीक्षित बजट को लेकर कार्यकारिणी की बैठक हुई। बैठक में कार्यकारिणी सदस्य और नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल व अन्य अधिकारियों ने पुनरीक्षित बजट को लेकर चर्चा की। बैठक में नगर निगम के आय-व्यय को लेकर अहम फैसले किए गए। इसमें सड़कों की मरम्मत के बजट को तीन हजार लाख रुपये से बढ़ाकर पांच हजार लाख रुपये कर दिया गया। वहीं, नगर निगम में नए वाहनों को खरीदने के बावजूद अधिक खर्च आने के मुद्दे को उठाया गया। इस पर महापौर ने नगरायुक्त को इस संदर्भ में जांच करके रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही ही वाहनों के मेंटेनेंस के बजट को 2800 लाख से घटाकर 2600 लाख रुपये करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में कार्यकारिणी सदस्यों ने श्वान सहित अन्य पशुओं के बंध्याकरण को लेकर सवाल उठाया कि पता ही नहीं चल पाता है कि किन पशुओं का बंध्याकरण हुआ। इसके बाद में पशुओं के बंध्याकरण के बजट को 800 लाख से घटाकर 600 लाख रुपये कर दिया गया। इसके साथ ही एलईडी स्थापना का बजट भी 2500 लाख से घटाकर 2200 लाख रुपये कर दिया गया।
इसके साथ ही सीवर लाइन के रखरखाव के बजट को 300 लाख से 500 लाख रुपये कर दिया गया। वहीं, मैनहोल मरम्मत के बजट को 200 लाख से घटाकर 100 लाख रुपये करने का फैसला लिया गया और नलकूप निर्माण एवं मरम्मत के बजट को भी 1500 लाख से घटाकर 600 लाख रुपये कर दिया गया।
बैठक में नगर निगम को होने वाली आय को लेकर भी चर्चा हुई। इसमें नगर निगम की दुकानों से आने वाले किराये, पार्किंग ठेका से होने वाली आय को बढ़ाने पर चर्चा हुई। वहीं, स्लॉटर हाउस से होने वाली आय के लक्ष्य को 570 लाख से घटाकर 70 लाख कर दिया गया। इसके साथ ही शराब की दुकानों से होने वाली आय पर फैसला लिया गया कि शराब के ठेकों को दिए जाने वाले लाइसेंस के साथ ही नगर निगम को शुल्क मिले इस संबंध में जिलाधिकारी से संस्तुति की जाए। विज्ञापन से होने वाली आय के लक्ष्य को 700 लाख से 800 लाख आठ रुपये करने का लक्ष्य रखा गया। कूड़ा जलाने, गंदगी करने, अतिक्रमण करने पर दंड लगाने से होने वाली आय के लक्ष्य को भी 100 लाख रुपये से बढ़ाकर 200 लाख रुपये करने का लक्ष्य रखा गया।
बैठक में नगर निगम द्वारा पकड़ी जाने वाली पॉलिथिन का रजिस्टर में ब्यौरा रखने और उसकी कटिंग करने पर वीडियोग्राफी करने का फैसला किया गया।
निर्माण विभाग में बदलेंगे बाबुओं के पटल
बैठक में निर्माण विभाग में बाबुओं की मनमानी को लेकर भी अहम फैसला लिया गया। कार्यकारिणी सदस्यों ने बैठक में कहा कि निर्माण विभाग में बाबुओं की मनमर्जी चलती है, पार्षदों की सुनते नहीं हैं। विकास कार्यों की फाइलों को खोने का हवाला देकर पार्षदों को घुमाते रहते हैं। इस पर महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाह ने मुख्य अभियंता बीएल गुप्ता को फाइल खोने पर बाबुओं के खिलाफ एफआईआर करने और उनके पटल बदलने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाबुओं की ऐसी मनमानी नहीं चलेगी। विकास कार्यों को रोकना अपराध से कम नहीं है।
ये रहे मौजूद
बैठक में अपर नगरायुक्त सुरेंद्र प्रसाद यादव, अपर नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार तिवारी, महाप्रबंधक जलकल अरुणेन्द्र राजपूत, पर्यावरण अभियंता पंकज भूषण, मुख्य अभियंता बीएल गुप्ता व अन्य अधिकारी और पार्षद रवि माथुर समेत कार्यकारिणी सदस्य मौजूद रहे।
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