... तो क्या रुपये ऐंठने के लिए आगरा के डॉक्टरों ने बता दिया कैंसर? मुंबई और नोएडा के चिकित्सकों ने कहा- कैंसर नहीं || पीड़ित ने लिखाया मुकदमा, बताई साजिश
आगरा, 23 अक्टूबर। शहर के कुछ चिकित्सकों और पैथोलॉजी संचालकों पर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। एक बार फिर एक व्यक्ति ने कुछ डॉक्टरों और पैथोलॉजी संचालक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित का कहना है कि उससे लाखों रुपये ऐंठने के लिए उसे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का मरीज बता दिया गया, जबकि मुंबई और नोएडा में अलग अलग कराई जांचों में उसे कैंसर नहीं निकला। इस पूरी प्रक्रिया में पीड़ित को भारी मानसिक, शारीरिक और आर्थिक कष्ट झेलना पड़ा।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, थाना अछनेरा क्षेत्र के निवासी पीड़ित व्यक्ति ने पूरे मामले में चिकित्सकों और पैथोलॉजी संचालक को नामजद करते हुए थाना हरिपर्वत में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है।
पीड़ित का आरोप है कि डॉक्टर और पैथोलाजी संचालक ने साजिश के तहत झूठी रिपोर्ट तैयार की। दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि पिछले साल 17 जनवरी, 2023 को एसएन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर टीपी सिंह को खांसी की शिकायत पर उनके घर पर दिखाया था। उन्होंने कुछ जांच और दवा लिख दीं। जांच के बाद वह दोबारा दिखाने गए तो उन्हें खून की उल्टी हो गई। उन्होंने फेफड़ों की जांच के लिए डॉ. मुकेश शर्मा के पास भेजा। डॉ. मुकेश शर्मा ने अग्रवाल क्रिटिकल केयर सेंटर शांति मधुवन प्लाजा में उनकी जांच की। जांच रिपोर्ट न्यू आगरा स्थित क्लीनिकल पैथोलॉजी लैब से मिली। रिपोर्ट देखने के बाद डॉ. मुकेश शर्मा ने उन्हें फेफड़ों का कैंसर बता दिया और कहाकि जल्दी इलाज नहीं कराया तो तीन-चार दिन के मेहमान हो। इससे वह घबरा गए।
पीड़ित ने किसी और डॉक्टर को दिखाने की बात की तो उन्हें पुरुषोत्तम दास सावित्री देवी कैंसर रिसर्च सेन्टर एंड हॉस्पीटल में भेज दिया गया। वहां पर डा. सन्दीप अग्रवाल द्वारा जांच के बाद कैंसर बताया गया। पीड़ित ने फिर डॉ. मुकेश शर्मा को दिखाया तो उन्होंने ऑपरेशन का खर्चा आठ लाख रुपये बताया। पीड़ित का कहना है कि उस पर इलाज के लिए इतने रुपये नहीं थे। ऐसे में उसने एम्स में रेफर करने को कहा। एम्स में अप्वाइंटमेंट न मिलने पर वह 13 फरवरी, 2023 को मुंबई के टाटा मैमोरियल कैंसर हॉस्पीटल पहुंचा। वहां दस दिन भर्ती रहा। जांच रिपोर्ट आने के बाद वहां के डॉक्टरों ने कहाकि उसे तो कैंसर नहीं है।
पीड़ित ने बताया कि टाटा मैमोरियल के डॉक्टर ने पुरानी रिपोर्ट देखकर कहा कि आगरा की जिस लैब में सैंपल दिए थे, वहां से सैंपल लेकर आना। आगरा में उन्होंने लैब पर संपर्क किया तो उन्होंने सैंपल न होने की बात कही।
पीड़ित का कहना है कि उसके मन में शंका थी। ऐसे में एक माह बाद वह नोएडा में मेदांता हॉस्पीटल पहुंचा। वहां डॉ. रंदीप गुलेरिया को दिखाया। उन्होंने भी जांच कराई। मगर, जांच में कैंसर नहीं निकला।
पीड़ित ने आरोप लगाया कि आगरा के डॉ. टीपी सिंह, डॉ. मुकेश शर्मा, कैंसर विशेषज्ञ डॉ. संदीप अग्रवाल, क्लीनिकल पैथोलॉजी के डॉ. अर्पित अग्रवाल और डॉ अनिल अग्रवाल द्वारा साजिश के तहत कैंसर की झूठी रिपोर्ट दी। उनसे आठ लाख रुपये इलाज के नाम पर ठगने को यह सब किया गया। उनकी रिपोर्ट से पीड़ित और उनका पूरा परिवार मानसिक, शारीरिक और आर्थिक प्रताड़ना का शिकार हुआ। पीड़ित ने एफआईआर के साथ पुलिस को जरूरी साक्ष्य भी सौंपे हैं। अब पुलिस तहकीकात में जुटी हुई है।
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