सिपाहियों में हुई हाथापाई ने खोल दी आबकारी विभाग में भ्रष्टाचार की पोल! शासन तक पहुंचा मामला
आगरा, 23 अक्टूबर। जिला आबकारी विभाग के कुछ कर्मियों द्वारा यूं तो राजस्व वसूली की आड़ में जेब भरने की चर्चाएं लंबे समय से होती रही हैं, लेकिन विगत सोमवार को सिपाही व प्रधान सिपाही में हाथापाई की नौबत से आबकारी विभाग में भ्रष्टाचार की पोल खुल गई। विभाग में मचे घमासान के बाद जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने जांच के निर्देश दिए। संयुक्त आयुक्त आबकारी श्याम प्रताप चौधरी ने सहायक आयुक्त प्रवर्तन के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित कर दी।यह मामला शासन तक पहुंच गया है। ऐसे में शीघ्र बड़ी कार्रवाई संभव है।
मंटोला स्थित आबकारी विभाग कार्यालय पर सोमवार को महिला सिपाही के पति ने वसूली में हिस्सेदारी को लेकर विरोध जताया था। सिपाही व प्रधान सिपाही में हाथापाई की नौबत आ गई। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, आबकारी विभाग के सिपाही, निरीक्षक से लेकर अधिकारियों के कारनामों की फेहरिस्त लंबी है। शराब की तस्करी से लेकर रात में ठेकों पर ओवरेटिंग तक में हिस्सेदारी है। पूर्व में हरियाणा से शराब की तस्करी के आरोप में दो आबकारी सिपाही निलंबित हो चुके हैं।
कहा जाता है कि रात में शराब ठेकों से ओवररेटिंग के नाम पर भी सिपाहियों की महीनेदारी बंधी है। इस खेल में अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध है। इस मामले में सिपाही, निरीक्षक व अन्य की भूमिका की जांच के लिए सहायक आयुक्त आबकारी श्याम प्रताप चौधरी ने सहायक आयुक्त आबकारी प्रवर्तन धर्मेंद्र नारायण की अध्यक्षता में कमेटी बनाई है। सहायक आयुक्त की जांच कमेटी तीन दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
जिला आबकारी अधिकारी नीरज द्विवेदी ने मीडिया से कहा कि सिपाहियों ने कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए हैं। मामले की जांच कराई जा रही है। सहायक आयुक्त के नेतृत्व में कमेटी गठित की गई है। निरीक्षकों से भी सिपाही की रिपोर्ट मांगी गई है।
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