सनसनीखेज: साइबर ठगों के डिजिटल अरेस्ट ने आगरा में ले ली अध्यापिका की जान! इतना डरा दिया कि चार घंटे में हो गया हार्ट फेल

आगरा, 03 अक्टूबर। शहर में साइबर अपराधियों का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। साइबर ठगों द्वारा डिजिटल अरेस्ट की गई एक सरकारी स्कूल अध्यापिका की घबराहट के कारण चार घंटे में मौत हो गई। कहा जा रहा है कि डिजिटल अरेस्ट में यह पहली मौत है। मामला थाना शाहगंज क्षेत्र के अलबतिया का है। साइबर ठग ने अध्यापिका को धमकाया था कि उनकी बेटी सेक्स रैकेट में पकड़ी गई है। एक लाख रुपये ट्रांसफर नहीं करने पर वीडियो वायरल करने की धमकी दी थी। फोन कॉल में पुलिस इंस्पेक्टर की तस्वीर लगी हुई थी।
इस कॉल से अध्यापिका परेशान हो गईं। उन्होंने बेटे को एक लाख रुपये ट्रांसफर करने को कहा, लेकिन उससे पहले हार्ट अटैक आ गया। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका। 
पुलिस के अनुसार, सुभाष नगर में रहने वाली मालती वर्मा राजकीय कन्या जूनियर हाईस्कूल अछनेरा में अध्यापिका थीं। विगत 30 सितंबर की दोपहर 12 बजे उनके मोबाइल फोन पर व्हाट्स ऐप कॉल आई। कॉल करने वाले ने पुलिस वर्दी में तस्वीर लगा रखी थी। देखकर यही लग रहा था कि कॉल किसी थाने से है।
मालती ने कॉल रिसीव की। उधर से कहा गया, "आपकी बेटी को पुलिस ने सेक्स रैकेट में पकड़ा है। अभी पुलिस ने उसे लिखा-पढ़ी में शामिल नहीं किया है। आपकी बहुत बदनामी हो सकती है। इसलिए आपको कॉल कर रहे हैं। अगर आप चाहती हैं कि बेटी की फोटो वीडियो वायरल न हो। अगर आप चाहती है कि केस न दर्ज हो, तो तुरंत एक लाख रुपये हमें भेज दें।"
फोन करने वाले शख्स ने इसके बाद एक नंबर भी भेजा। दोबारा कॉल करके 15 मिनट में रुपये भेजने के लिए फिर धमकाया और कहा कि रुपये नहीं आए तो एफआईआर लिख देंगे, बेटी जेल चली जाएगी।
बेटी की गिरफ्तारी के बारे में सुनकर मालती वर्मा परेशान हो गईं। उन्होंने तुरंत अपने बेटे दीपांशु को फोन किया। उससे कहा कि बैंक से एक लाख रुपये निकालकर एक नंबर पर भेजने हैं। दीपांशु ने उनसे पूछा, क्या बात हो गई? उन्होंने कुछ नहीं बताया और कहा कि किसी को भेजने हैं। बेटे ने दबाव देकर पूछा, तो उन्होंने बताया कि बहन को पुलिस ने पकड़ लिया है। जल्दी उन्हें पैसे भेजना है। बात करते-करते वो बेचैन हो रही थीं। उनकी सांस फूलने लगी थी।
दीपांशु ने बताया कि मम्मी ने उसे नंबर भेजा। एक नंबर भारत का था, तो दूसरा पाकिस्तान का। तभी उसे समझ में आ गया कि इस मामले में कुछ ठीक नहीं है। उसने भारत वाले नंबर पर फोन किया तो कहा गया कि रुपये भेज दो।
दीपांशु ने तुरंत अपनी मम्मी को बताया कि ये फर्जी कॉल है। बहन से बात हो गई है, परेशान मत होओ।
दीपांशु ने बताया कि मम्मी के पास दोपहर करीब 3.30 बजे फोन आया। वह घर आईं और उनकी तबीयत खराब होने लगी। उन्हें बहुत समझाया, लेकिन उनकी तबीयत बिगड़ती गई। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां पहुंचने से पहले उनकी मौत हो गई। दीपांशु ने बताया कि मां को बहन के पकड़े जाने की बात से गहरा सदमा लगा था। इसके बाद ही उनकी तबीयत बिगड़ गई।
दीपांशु ने बताया कि मां का फोन आने के बाद उसने तुरंत बहनों को फोन किया। एक बहन कॉलेज में थी। दूसरी भी शहर में दूसरी जगह पर थी। इसके बाद उसने तुरंत बहनों से मम्मी से वीडियो कॉल पर बात करने को कहा। बहनों ने उन्हें कॉल भी किया। मगर, उनकी तबीयत बिगड़ चुकी थी। उनकी एक बहन प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही है, जबकि दूसरी बहन बी-फार्मा की पढ़ाई कर रही है।
बेटे ने पूरे मामले में कॉल डिटेल और साक्ष्य पुलिस को सौंपे हैं। पुलिस कॉल करने वाले व्यक्ति का पता लगाने का प्रयास कर रही है।
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