रंगमंच को नई दिशा देकर गए विनय, उनके काम उन्हें हमेशा जिंदा रखेंगे - राज बब्बर
आगरा, 17 अक्टूबर। विनय पतसारिया ने रंगमंच के क्षेत्र में वो मुकाम हासिल किया जो आज युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है। उन्होंने वकालत के अलावा रंगमंच के क्षेत्र को भी अपने योगदान से समृद्ध किया है। विनय अपने काम की वजह से हमेशा हमेशा याद किए जायेंगे। उनके योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है। यह विचार फिल्म स्टार राज बब्बर ने व्यक्त किए। वह गुरुवार को रंगकर्मी विनय पतसारिया की प्रथम पुण्य तिथि के अवसर पर संजय प्लेस स्थित एक होटल में 'विनय यादों के साए में' नामक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
राज बब्बर ने इस मौके पर विनय पतसारिया से जुड़े अपने कई संस्मरण साझा किए। पत्रकार शशि शेखर ने विनय पतसारिया के साथ अपने रिश्तों की स्मृतियों को साझा किया। संस्कृतिकर्मी अरुण डंग ने कहा विनय ने अपने नाटकों के जरिए अमिट छाप छोड़ी है। कार्यक्रम में कवि सोम ठाकुर, रामेंद्र मोहन त्रिपाठी, डॉ.शशि तिवारी ने अपनी अपनी कविता सुनाकर भाव विभोर कर दिया।
डॉ. नवनीत चौहान ने भी विनय द्वारा मंचित नाटकों का उल्लेख करते हुए अपने शब्दों में विनय पतसारिया के योगदान को रेखांकित किया। डॉ. जेएन टंडन, दिलीप रघुवंशी, अनिल शुक्ला, अशोक रावत, ज्योत्सना रघुवंशी, अमीर अहमद एडवोकेट आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर एक स्मृति पत्रिका का भी विमोचन राज बब्बर, शशि शेखर, सोम ठाकुर, रामेंद्र मोहन त्रिपाठी, डॉ. नवनीत चौहान, अरुण डंग सहित डॉ. रेखा पतसारिया, संपादक डॉ.महेश धाकड़ ने किया। कार्यक्रम का संचालन हरीश चिमटी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन अनिल चौहान द्वारा किया गया।
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