शाहगंज के बाद सिकंदरा पुलिस को भी "फीलगुड," ग्यारह पकड़े पर गिरफ्तार केवल तीन! 2200 जोड़ी जूतों में से भी मात्र 260 दिखाए || विधायक बता चुके हैं- "आगरा पुलिस कमीशन-रेट"
आगरा, 25 अक्टूबर। छावनी क्षेत्र के भाजपा विधायक डा जीएस धर्मेश ने पिछले दिनों आगरा पुलिस पर गंभीर आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी कि आगरा पुलिस कमिश्नरेट नहीं "कमीशन-रेट" है। इसकी गूंज प्रदेश मुख्यालय तक हुई थी। इसके बावजूद पुलिस की कार्यशैली में बदलाव आता नहीं दिख रहा है। बीते दिवस शाहगंज पुलिस पर चार लोगों रात भर अवैध हिरासत में रखने के आरोप के बाद सिकंदरा पुलिस पर भी "फील गुड" का आरोप लग गया है। शाहगंज मामले में दरोगा समेत तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। अब देखना है कि सिकंदरा मामले में पुलिस अफसर क्या एक्शन लेते हैं।
बता दें कि सिकंदरा थाना पुलिस ने गुरुवार को शास्त्रीपुरम में दहतोरा रोड स्थित एक अवैध गोदाम पर छापा मारकर ब्रांडेड जूतों को सस्ते जूतों से बदल देने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को पकड़ने और तीस लाख रुपये का माल जब्त करने का दावा किया था। यह कार्रवाई सिकंदरा क्षेत्र में ही रोहिल पोलिमर्स के नाम से कम्पनी चलाने वाले रोहिल अग्रवाल की शिकायत पर की गई।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, रोहिल अग्रवाल ने यह कहकर सनसनी फैला दी कि उनके सामने पुलिस ने ग्यारह लोगों को पकड़ा था और 2200 जोड़ी जूते बरामद किए थे, लेकिन बाद में मात्र 260 जोड़ी जूते जब्त किए जाना दिखाया और आठ लोगों को नाबालिग या श्रमिक बता कर गिरफ्तार नहीं किया। शेष 1940 जोड़ी जूतों के बारे में भी पुलिस ने फिलहाल कुछ नहीं बताया।
आरोप हैं कि इस सब में पुलिस को फीलगुड हुआ। इन आरोपों को इसलिए भी बल मिलता है कि इस गड़बड़झाले को अधिकारियों तक न पहुंचने देने को पीड़ित व्यापारी को डरा धमकाकर यह दबाव बनाया जा रहा है कि वह एसीपी हरीपर्वत के सामने पेश होकर यह बयान दे कि केवल तीन लोग ही पकड़े गए थे और 260 जोड़ी जूते ही बरामद हुए थे।
रोहिल के अनुसार छापे के समय के वीडियो में भी जूतों से भरे 14 बैग दिख रहे हैं। हर बैग में 70 जोड़ी जूते थे। इसी से पता चल जाता है कि बरामद जूते 260 जोड़ी से कई गुना ज्यादा थे।
सिकंदरा थाने की यूपीएसआईडीसी चौकी इंचार्ज शिवेंद्र सिंह पीड़ित व्यापारी रोहिल को लेकर रात नौ बजे डीसीपी सिटी के आवास पर पहुंच गए। दो घंटे इंतजार के बाद चौकी इंचार्ज ने रोहिल को डीसीपी के सामने पेश किया। चौकी इंचार्ज ने रोहिल को पहले ही पट्टी पढ़ा रखी थी कि वह डीसीपी से कहे कि केवल 260 जोड़ी जूते बरामद हुए और तीन लोग ही पकड़े गए थे। डीसीपी को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी इसलिए उन्होंने पहले तो चौकी इंचार्ज से पूछा कि जब मैंने बुलाया ही नहीं तो इनको मेरे पास लेकर क्यों आए हो। पीड़ित को दो घंटे आवास के बाहर बैठाए रखने के लिए उन्होंने चौकी इंचार्ज को लताड़ा भी।
डीसीपी के यहां पेशबंदी का प्रयास फेल होने पर अब चौकी इंचार्ज की ओर से रोहिल अग्रवाल को बार-बार फोन कर कहा जा रहा है कि वह एसीपी हरीपर्वत के सामने पेश होकर यह बयान दे कि मौके से 260 जोड़ी जूते बरामद हुए थे और तीन लोग ही पकड़े गए थे।
पीड़ित व्यापारी रोहिल अग्रवाल के अनुसार, छापे के दौरान गिरफ्तार लोगों ने उनके सामने पुलिस को यह जानकारी दी थी कि छापे से आधा घंटे पहले ही उन्होंने दो गाड़ियों में 10,000 जोड़ी जूते अलीगढ़ भेजे हैं। अपराधियों ने अलीगढ़ में बनाए गए अपने गोदाम का पता भी बताया, लेकिन पुलिस ने 10,000 जोड़ी जूते बरामद करने की दिशा में भी कोई रुचि नहीं दिखाई। रोहिल का कहना है कि छापे में बरामद माल दो गाड़ियों में भरा गया था, लेकिन थाने पर एक ही गाड़ी पहुंची, जिसमें 260 जोड़ी जूते थे।
विजयनगर कॉलोनी के निवासी युवा व्यापारी रोहिल अग्रवाल रोहिल पॉलीमर्स के नाम से जूता की फैक्ट्री चलाते हैं। रोहिल अपने माल की बिक्री मंत्रा और फ्लिपकार्ट ऑनलाइन कंपनियों के जरिए करते हैं। पिछले दो साल से रोहिल को लगातार फ्लिपकार्ट और मंत्रा की तरफ से क्लेम आ रहे थे। दरअसल उनके द्वारा भेजे जा रहे अच्छी क्वालिटी के जूते की जगह बहुत सस्ते वाले जूते ग्राहकों को मिलते थे। इसकी वजह से मंत्रा और फ्लिपकार्ट जुर्माना भी वसूल कर रही थी। क्लेम बहुत ज्यादा बढ़ गए तो रोहिल को शक हुआ और उन्होंने मंत्रा और फ्लिपकार्ट के एजेंटस के पीछे अपने कुछ लोग लगाए और वह सिकंदरा के औद्योगिक क्षेत्र में उस जगह तक जा पहुंचे जहां उनकी कंपनी के जूते बदलकर डिब्बों में सस्ते जूते पैक कर ग्राहकों को भेजे जाते थे। इसके बाद पुलिस ने उन्हें साथ लेकर कार्रवाई की।
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