लोगों में भड़क रहा गुस्सा, दो सांसद, विधायक या फिर महापौर, शास्त्रीपुरम का रहनुमा कोई नहीं, अफसर तो पहुंचे, लेकिन नेताओं ने जरूरत नहीं समझी || हजारों लोगों को घरों में फंसा छोड़ पहले हाइवे की चिंता || सुबह आठ बजे से विद्युतापूर्ति ठप्प, नलों में पानी भी नहीं || टापू पर बंधक जैसे हालात
आगरा, 12 सितम्बर। शहर की पॉश कालोनियों में गिनी जाने वाली शास्त्रीपुरम का रहनुमा कोई बनने को तैयार नहीं है। भारी जलभराव के कारण घरों में कैद शास्त्रीपुरम वासी अब सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधियों को जम कर कोस रहे हैं। उनका कहना है कि अधिकारियों ने कम से कम दौरा करके क्षेत्र के हालात तो जाने, लेकिन जनप्रतिनिधियों ने यह भी जहमत नहीं उठाई।
चाहें सांसद राजकुमार चाहर हों, या विधायक-मंत्री बेबी रानी मौर्य या फिर महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाह किसी ने क्षेत्रवासियों का दर्द जानने का प्रयास नहीं किया। यही नहीं, शास्त्रीपुरम के ही सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाले राज्यसभा सांसद नवीन जैन को भी सुध नहीं आई।
जनप्रतिनिधियों की रुचि न देख कर जिला प्रशासन और नगर निगम ने भी शास्त्रीपुरम के प्रति गंभीरता कम दिखाई। गुरुवार की सुबह जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी और नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने शास्त्रीपुरम के बाहरी इलाके का दौरा किया और सक्शन मशीनों से पानी की निकासी कराने के निर्देश दिए। लेकिन कुछ ही घंटे बाद पता चला कि शास्त्रीपुरम से सभी सक्शन मशीनें हटाकर आगरा-मथुरा हाइवे पर लगा दी गईं। शास्त्रीपुरम को उसके हाल पर बेहाल छोड़ दिया गया।
डीएम और नगर आयुक्त तो फिर भी क्षेत्रों की स्थिति जानने निकले लेकिन महापौर ने दोपहर को नगर निगम के वातानुकूलित कक्ष में डीएम व नगर आयुक्त के साथ बैठक करके बयान जारी करा दिया कि उन्होंने शहर की हालत सुधारने के निर्देश दिए हैं। मेयर खुद भी पिछले साल तक अपने घर के बाहर जलभराव से जूझती रही हैं। उनके घर के सामने की स्थिति उनके मेयर बनने के बाद सुधार दी गई, लेकिन उन्हें आम जनता की परेशानियों का अनुभव होना चाहिए।
शास्त्रीपुरम आगरा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र और फतेहपुर सीकरी संसदीय क्षेत्र में आता है। इस क्षेत्र से विधायक चुनी गईं प्रदेश की कैबिनेट मंत्री बेबीरानी मौर्य को भी क्षेत्र का भ्रमण करने के लिए आमंत्रित किया जा चुका है, लेकिन लगता है कि जनसमस्या की सुनवाई या निदान के लिए उनके पास समय नहीं है। यही हाल सांसद राजकुमार चाहर का है, उन्होंने दूसरा चुनाव लड़ते समय मतदाताओं को अधिक से अधिक समय देने का वायदा किया था, लेकिन यह वायदा भी चुनावी ही नजर आ रहा है।
जन प्रतिनिधियों की उदासीनता के प्रति शास्त्रीपुरम के लोगों में आक्रोश पनप रहा है। उनका कहना है कि इस कालोनी में जल भराव का समाधान निकालने को कोई तैयार नहीं है। शास्त्रीपुरम के व्हाट्स एप ग्रुप में लिखा गया- "भाजपा को वोट दो और मगरमच्छ की तरह पानी में पड़े रहो।" एक अन्य ने लिखा- "आज कोई नहीं आएगा, सब ....फोटो खींचो नेतागिरी में व्यस्त हैं।" कुछ अन्य ने भी अत्यंत तीखी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की।
सुबह आठ बजे से विद्युत आपूर्ति ठप्प, नलों में पानी नहीं
टोरंट पावर कंपनी ने शास्त्रीपुरम की विद्युतापूर्ति सुबह से ही बंद कर रखी है। कंपनी के पीआरओ भूपेंद्र सिंह का कहना है कि तीन एमएसपी पानी में डूबी हुई हैं। विद्युतापूर्ति चालू करने से खतरा हो सकता है। इसलिए जलभराव खत्म होने के बाद ही बिजली मिल पाएगी। बिजली न होने के कारण घरों में पानी की मोटरें या सबमरसेबल पम्प नहीं चल पा रहे हैं, जिससे पानी संबंधी रोजमर्रा के कामकाज भी रुक गए हैं।
जैसे किसी टापू पर बंधक बन गए शास्त्रीपुरमवासी!
शास्त्रीपुरम वासियों की स्थिति किसी टापू पर बंधक बनाए गए जैसे लोगों की हो गई है। न तो बिजली उपलब्ध है, न नलों में पानी आ रहा है। घर के अंदर और बाहर सड़कों पर बारिश का गंदा पानी भरा हुआ है। वाहनों का आवागमन बंद हो गया है। कोई अपने वाहन को निकालने का प्रयास करता भी है तो सड़क पर भरे पानी में फंस कर वाहन बंद हो जाते हैं।
दूध वाला, सब्जी वाला, अखबार वाला, ब्रेड वाला कोई भी नहीं आ-जा पा रहा है। घरेलू नौकर और नौकरानियों का भी आवागमन बंद हो गया है। अनेक परिवार यहां से पलायन कर गए हैं।
_______________________________
Post a Comment
0 Comments