जनकपुरी की अलौकिक आभा देखने उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
सीता-राम के विवाह की खुशी में राजा जनक व मां सुनयना संग सजे-धजे और झूमते गाते मिथिलावासी साथ थे। जगह-जगह श्रीराम संग जनकदुलारी के दर्शन को श्रद्धालुओं की भीड़ जमा थी। इस अवसर पर जनक महल के मुख्य मंच पर भक्तिमय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया।
मंच पर स्वरूपों के पहुंचने के बाद उनके दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी। कोई दूर से स्वरूपों संग सेल्फी लेता तो कोई हाथ जोड़कर प्रणाम करता। श्रद्धा और भक्ति के पवित्र भावों के साथ जनकपुरी में बिखरी जगमग रोशनी और रामचरित मानस की चौपाइयों की स्वरलहरियों से वातावरण मिथिलानगरी से कुछ कम नहीं था। मंच पर विराजमान सभी स्वरूपों की सियारम संग आरती श्रीजनकपुरी महोत्सव आयोजन समिति के पदाधिकारियों द्वारा की गई। जिसमें मुख्य रूप से अध्यक्ष गौरव अग्रवाल, गौरव राजावत, राहुल चतुर्वेदी, राजीव शर्मा, अनुराग उपाध्याय आदि उपस्थित थे।
स्वरूपों के मंच पर पहुंचने पर आचार्य राहुल रावत के निर्देशन में वाराणसी से आए ग्यारह वेदपाठी बालकों ने मंत्रोच्चार से वातावरण को दिव्यता प्रदान की। संस्कार पाठशाला भोगीपुरा के बच्चों व होली लाइट पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों ने भक्तिमय सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दीं। पं. मनीष शर्मा ने भजन प्रस्तुत किए। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संचालन रमन, हेमंत भोजवानी, रवि नारंग व आशीष ने किया।
श्रीहरि के हाथ में सुदर्शन की झांकी संग खूब खींच रहे सेल्फी
जनकपुरी दुल्हन की तरह सजी हुई है। कहीं सतरंगी फूलों की रंगन फैली है तो कहीं कहीं झिलमिलाती रोशनी से मिथिलानगरी जगमगा रही है। जगह-जगह आकर्षक झांकियां भक्तों को आकर्षित कर रही हैं। जीआईसी ग्राउंड के रास्ते पर समुन्द्र मंथन की झांकी सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रही है। वहीं लोहामंडी जयपुर हाउस रोड पर श्रीहरि के हाथ में सुदर्शन की झांकी संग लोग परिवार सहित सेल्फी खिंचवा रहे हैं।
मिथिला प्रवेशिका मंच पर सांस्कृतिक संध्या के अंतर्गत एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दी गयीं। जिसमें रूपेश मल्होत्रा, शाहिद, अरविंद बघेल, दिनेश श्रीवास्तव, पूजा तोमर, श्वेता सागर द्वारा प्रस्तुत आध्यात्मिक गीतों ने मन मोह लिया। आकृति, अपेक्षा, आराध्या, मानव, भूमि माथुर और आरोही ने भक्ति भाव युक्त नृत्य प्रस्तुत किये। नृत्य निर्देशन विजयलक्ष्मी शर्मा ने किया। संगीत संयोजन सुभाष सक्सेना एवं राज मैसी का था। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संचालन सुप्रसिद्ध मंच संचालक सुशील सरित ने किया। इस दौरान जनकपुरी महोत्सव समिति के अध्यक्ष गौरव अग्रवाल, महामंत्री मुनेन्द्र जादौन, विवेक शर्मा, निशांत चतुर्वेदी, चन्द्रशेखर शर्मा, सोमेन्द्र जादौन, वंश जादौन, सुशील शर्मा, अरविंद त्यागी, राजा जादौन, स्वाति जादौन, श्वेता चंदेल, रचना चतुर्वेदी आदि मौजूद रहे।
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