आगरा में पहला हरित शवदाहगृह शुरू, महापौर ने किया लोकार्पण, लकड़ी की जगह गौकाष्ठ का होगा उपयोग

आगरा, 06 सितम्बर। नगर निगम ने वन संरक्षण एवं पर्यावरण प्रदूषण कम करने के लिए कबीर घाट फाउंड्रीनगर में जिले के पहले हरित शवदाह गृह का निर्माण कराया है। शुक्रवार को महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाहा ने इसे जनता को सौंप दिया और शहरवासियों से पर्यावरण हितैषी बनने की अपील की।
अपर नगर आयुक्त सुरेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि कबीरघाट पर वर्तमान में लकड़ी से संचालित पारंपरिक शवदाहगृह का उपयोग लोगों द्वारा किया जा रहा है। यहीं पर अब नगर निगम ने इस हरित शवदाह गृह का निर्माण कराया है। इससे जहां पेड़ पौधों का संरक्षण हो सकेगा वहीं वायु प्रदूषण भी काफी हद तक कम हो जाएगा। इस शवदाह गृह पर लकड़ियों के स्थान पर गोकाष्ट का उपयोग किया जाएगा।
पर्यावरण अभियंता पंकज भूषण ने बताया कि ग्रीन रिव्ल्यूशन नामक दिल्ली की संस्था को इसके संचालन की जिम्मेदारी दी गई है। अस्सी से एक कुंतल गोकाष्ठ से व्यक्ति का यहां पर अंतिम संस्कार हो जाएगा, जबकि पारंपरिक तरीके से होने वाले दाह संस्कार में तीन से चार कुंतल लकड़ी का उपयोग होता है।
कबीर घाट पर दाह संस्कार के लिए यहां पर दो भट्ठियां और धुआं निकासी के लिए चिमनियां लगाई गयी हैं जिनसे धुआं फिल्टर होकर जाएगा। कबीर घाट पर शव को स्नान कराने, शव को रखने की सुविधा उपलब्ध है। दाह संस्कार के बाद कबीर घाट पर अस्थियों को सुरक्षित परिजनों को सौंपने की भी व्यवस्था उपलब्ध है। 
इस अवसर पार्षद शेराभाई, बनवारी लाल और नगर निगम से जोनल अधिकारी विजय कुमार, जोनल सैनेट्री अधिकारी इंद्रजीत मौजूद रहे।
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