कई प्रांतों के जूता व्यापारियों ने जयपुर हाउस में की महासभा, जीएसटी बढ़ाकर 12 प्रतिशत किए जाने का तीखा विरोध, दोपहर तक प्रतिष्ठान व फैक्ट्रियां बंद रहने का दावा
आगरा, 02 सितंबर। जूते पर जीएसटी पांच से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने पर घरेलू जूते से मिलने वाला राजस्व बढ़ने के बजाय कम हो गया। करीब 1085 व्यापारियों ने अपना पंजीकरण रद्द करा लिया। घरेलू जूता व्यापार दम तोड़ रहा है। जीएसटी घटाकर फिर पांच प्रतिशत की जाए।
आगरा शू फैक्टर्स फैडरेशन के नेतृत्व में अखिल भारतीय संयुक्त जूता संघ, सोल, कम्पोनेंट व फोम एसोसिएशन द्वारा सोमवार को जयपुर हाउस स्थित श्रीराम पार्क में आयोजित महासभा में अध्यक्ष विजय सामा ने यह बात कही। देश के विभिन्न प्रांतों के हजारों जूता व्यापारी एक मंच पर मौजूद थे।
सामा ने कहा कि देश में घरेलू जूते की लगभग 65 प्रतिशत आपूर्ति आगरा करता था, जो घटकर 50 प्रतिशत से भी कम हो गई है। अपनी मांग को पूरी कराए बगैर चैन से नहीं बैठेंगे। उन्होंने बीआईएस व हाल ही में नगर निगम द्वारा जूते की कतरन पर लगाए गए टैक्स का भी विरोध किया।
दिल्ली एसोसिएशन के अंकित अरोड़ा ने कहा कि 12 प्रतिशत जीएसटी के जरिए सरकार हमें दबाने का प्रयास कर रही है। मदुरै से जय कुमार ने जीएसटी कम करने की मांग रखी। जयपुर एसोसिएशन के राजकुमार आसवानी ने कहा कि मांग न मानी तो आंदोलन सड़कों पर होगा। सुनील रूपानी व मन्नू रस्तोगी ने कहा कि पहले नोटबंदी, फिर जीएसटी, फिर कोरोना और अब पांच से बढ़ाकर 12 प्रतिशत जीएसटी से लगातार जूता उद्योग में गिरावट आ रही है।
कानपुर एसोसिएशन के गुरमीत सिंह व विमल कपूर ने कहा कि सरकार को हमारा सहयोग करना चाहिए अन्यथा समस्याएं बढ़ती जाएंगी। धर्मेन्द्र सोनी ने सभी इकाइयों को एक मंच पर आने का आह्वान किया। नेशनल चैम्बर के अध्यक्ष अतुल गुप्ता ने सभी उद्यमियों की ओर से सहयोग का आश्वासन किया। संचालन अजय महाजन ने किया।
इस अवसर पर नरेन्द्र पुरसनानी, दिलप्रीत सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष वासु मूलचंदानी, अजय महाजन, धनश्याम दास रोरा, प्रमोद महाजन, संजय अरोड़ा, अनिल लाल, विजय जटाना, चांद दीवान, श्याम भोजवानी, प्रमोद जैन, सुधीर महाजन, विनोद शीतलानी, नेशनल चैम्बर के उपाध्यक्ष अम्बा प्रसाद गर्ग, सोमदत्त, प्रदीप कुमार पिप्पल, चंद्रवीर सिंह फौजदार, धर्मेन्द्र सोनी आदि उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में हाथों में 12 प्रतिशत जीएसटी के विरोध में लिखी तख्तियां लेकर जूता कारीगर महासभा में पहुंचे। सभी कारीगर व व्यापारी जूता मंडी पर एकत्र हुए और पंचकुईंया से पैदल मार्च करते हुए कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। दावा किया गया कि सुबह से दोपहर दो बजे तक सभी जूता प्रतिष्ठान व फैक्ट्रियां बंद रहीं।
महासभा में दिल्ली, लातूर, कानपुर, लखनऊ, जयपुर, भोपाल, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, उप्र, तेलंगाना, तमिलनाडु, राजस्थान, आगरा, हरियाणा, आंध्रप्रदेश शू एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने भाग लिया। सभी पदाधिकारियों ने अपने समर्थन पत्र सौंपे।
नुक्कड़ नाटक में झलकी जूता कारीगरों का पीड़ा
आगरा। फिल्म थिएटर क्रिएशन द्वारा "रहम करो, रहम करो," नाटक के मंचन में कारीगरों की पीड़ा झलक रही थी। नुक्कड़ नाटक के लेखक व निर्देशक उमाशंकर मिश्र, संयोजक अनिल जैन थे। अरुण प्रताप सिंह आकांक्षा जादौन, एमएस एकलव्य, जितेन्द्र आदि ने प्रस्तुति दी।
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