रिटेलर्स के जी का जंजाल बनीं लाखों-करोड़ों की दवाएं, थोक विक्रेता वापस नहीं ले रहे, बेच भी नहीं सकते

आगरा, 26 अगस्त। केंद्र सरकार द्वारा 156 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिए जाने से रिटेल कैमिस्ट भारी दुविधा में फंस गए हैं। लाखों-करोड़ों रुपये की दवाएं अटक गई हैं। थोक विक्रेता इन दवाओं को वापस ले नहीं रहे हैं। रिटेलर्स इन दवाओं को बेच नहीं सकते। ऐसे में वे स्वयं को डरा हुआ महसूस कर रहे हैं।
गौरतलब है कि सरकार ने 156 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। ये दवाएं बुखार और सर्दी के अलावा पेन किलर, मल्टी-विटामिन और एंटीबायोटिक्स के रूप में इस्तेमाल की जा रही थीं। देशभर में इनके उत्पादन, वितरण और खपत रोक लगाई गई है।
बता दें कि एक ही गोली में एक से ज्यादा दवाओं को मिलाकर बनाई गई दवाएं फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन ड्रग्स (एफडीसी) कहलाती हैं, इन दवाओं को कॉकटेल ड्रग्स के नाम से भी जाना जाता है।
आगरा रिटेल कैमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. आशीष ब्रह्मभट्ट का कहना है कि सरकार द्वारा दवा विक्रेताओं को कोई मोहलत दिए बिना एकाएक नोटिफिकेशन जारी कर देना रिटेलरों के जी का जंजाल बन गया है। सरकार कह रही है कि प्रतिबंधित दवाओं को थोक विक्रेताओं को वापस कर दिया जाए, लेकिन थोक विक्रेता रिटेलरों को यह कह कर टहला रहे हैं कि अभी कंपनियों का कोई भी पत्र वापसी के लिए प्राप्त नहीं हुआ है, अतः अभी ये दवाइयां रिटेलर्स अपने ही पास ही रखें। दुकानों में इन दवाओं को रखने पर सरकारी आदेश के उल्लंघन का खतरा है।
आशीष ब्रह्मभट्ट ने कहा कि दूसरी ओर डाक्टरों द्वारा अपने पर्चे पर अभी भी प्रतिबंधित दवाओं का लिखना जारी है। ये दवाएं न देने पर मरीज या उनके तीमारदार पर्चा वापस ले जाते हैं। इससे दुकानदारों को वित्तीय नुकसान हो रहा है। 
आगरा रिटेल कैमिस्ट एसोसिएशन ने दवा व्यापारियों की इस समस्या को देखते हुए ड्रग कंट्रोल एडमिस्ट्रेशन को ई मेल किया। प्रदेश स्तर पर भी इस परेशानी को पुरजोर तरीके से रखा जा रहा है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष डा आशीष ब्रह्मभट्ट, महामंत्री राजीव शर्मा, संस्थापक श्याम तिवारी और सतीश पाठक, वीरू भाई आदि ने कहा कि इस समस्या को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल ड्रग विभाग से भी शीघ्र मिलेगा।
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