बम के धमाके और कलम की धार से अंग्रेजों से लड़े थे करुणेश || प्रो.सुगम आनंद की पुस्तक 'क्रांतिवीर करुणेश' का विमोचन
आगरा, 25 अगस्त। डा.भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की कुलपति डा.आशु रानी ने कहा है कि स्वाधीनता संग्राम सेनानी स्व.रोशनलाल गुप्त करुणेश ने बम के धमाके के साथ-साथ लेखनी की धार से भी स्वाधीनता आंदोलन में योगदान किया, जो हमेशा याद रखा जाएगा।
इतिहासकार प्रो.सुगम आनंद द्वारा क्रांतिकारी पत्रकार स्व.रोशनलाल गुप्त करुणेश के जीवन पर पुस्तक "क्रांतिवीर करुणेश" का विमोचन समारोह "भारतीय इतिहास संकलन समिति" (ब्रज प्रांत) द्वारा सेठ पदमचंद जैन संस्थान सभागार, वि.वि.परिसर में आयोजित किया गया था। मुख्य अतिथि कुलपति ने कहा कि युवा पीढ़ी को क्रांतिकारियों से देशभक्ति की प्रेरणा लेनी चाहिए। तभी हमारे हृदय में देशप्रेम की भावना प्रवाहित होती रहेगी और राष्ट्र सुरक्षित व मजबूत रहेगा।
अध्यक्षता करते हुए विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने कहा कि हमारा बचपन करुणेश जी की देश व समाजसेवा को देखते हुई बीता है। विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ कवि सोम ठाकुर ने कहा कि करुणेश जी बहुत अच्छे कवि भी थे और साहित्यकार भी। उन्होंने सन् 1950 में ‘उर्मिला के 14 वर्ष पुस्तक’ लिखी, वह आज भी अन्यतम स्थान रखती है।
प्रो.सुगम आनंद ने कहा कि करुणेश ऐसे स्वतंत्रता के वीर थे, जिन्होंने समाज को सर्वस्व समर्पित कर दिया। कभी सरकारी सुविधाओं का लाभ तक नहीं उठाया।
संचालन डा.तरुण शर्मा ने किया।
प्रांरभ में सरस्वती वंदना सुशील सरित ने की। वरिष्ठ कवि डा.राजेंद्र मिलन एवं कवयित्री एवं गीतकार निशीराज ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत किए।
आभार व्यक्त किया इंस्टीट्यूट के निदेशक निदेशक प्रो.ब्रजेश रावत ने। संस्थान और करुणेश परिवार की ओर से संजय गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
_____________
Post a Comment
0 Comments