आगरा और आसपास के जिलों में बढ़ रहे वन्य जीव अपराध, कार्यशाला में जताई गई चिंता

आगरा, 27 अगस्त। वाइल्ड लाइफ एसओएस और सामाजिक वानिकी विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला में आगरा और पड़ोसी जिलों में सरीसृपों से जुड़े वन्यजीव अपराधों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताई गई।
मंगलवार को ताजमहल पूर्वी गेट के पास सामाजिक वानिकी प्रभागीय कार्यालय में हुई वन्यजीव अपराध रोकथाम कार्यशाला का उद्देश्य वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 में नवीनतम संशोधनों की गहरी समझ प्रदान करना था।
वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स बैजूराज एम.वी. ने सांपों के बचाव और आगरा में पाए जाने वाले सांपों की प्रजातियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एक प्रस्तुति दी। 
आगरा सर्कल के वन संरक्षक डॉ. अनिल कुमार पटेल ने कहा कि वन्यजीव संरक्षण कानूनों और अधिकारों में नवीनतम विकास के बारे में जानकारी रखना कार्यनीति का अभिन्न अंग है। सामाजिक वानिकी प्रभाग के निदेशक आदर्श कुमार ने कहा कि कार्यशाला वन्यजीव संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयासों को मजबूत करने में मील का पत्थर है।
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा कि देश में कई प्रजातियों को अवैध शिकार और तस्करी के खतरों का सामना करना पड़ता है, जिसमें 950 से अधिक पशु प्रजातियों को आई.यू.सी.एन रेड लिस्ट में गंभीर रूप से लुप्तप्राय, लुप्तप्राय या असुरक्षित के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
कार्यशाला में सर्वोच्च न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय के अधिवक्ता सत्यनारायण वशिष्ठ भी मौजूद रहे। कार्यशाला में वन विभाग के 50 से अधिक अधिकारियों ने भाग लिया।
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