हाथरस हादसा: जानिए, कौन हैं भोले बाबा जिनके सत्संग में भगदड़ से गई अनेक लोगों की जान
आगरा, 02 जुलाई। हाथरस में सत्संग करने पहुंचे संत भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि कासगंज जिले के पटियाली के बहादुर नगर के रहने वाले हैं। इनका असल नाम एसपी सिंह है। संत भोले बाबा के लाखों अनुयायी हैं।
भोले बाबा ने करीब सत्रह वर्ष पूर्व पुलिस में उपनिरीक्षक पद से नौकरी छोड़ी थी और इसके बाद से सत्संग शुरू कर दिया था। बताते हैं कि उन्होंने नौकरी के दौरान ही मानव धर्म सेवा के उपदेश देना शुरू कर दिया था। वे उत्तर प्रदेश के अलावा आसपास के राज्यों में घूम-घूम कर लोगों को भगवान की भक्ति का पाठ पढ़ाते हैं। खुद भोले बाबा कहते हैं कि बचपन में वह अपने पिता के साथ खेती-बाड़ी का काम करते थे। जवान हुए तो पुलिस में भर्ती हो गए। उनकी पोस्टिंग राज्य के दर्जन भर थानों के अलावा इंटेलिजेंस यूनिट में रही।
हाथरस समेत आसपास के जिलों में भोले बाबा काफी समय से सत्संग करवाते हैं। आगरा में भी उनके कई सत्संग हो चुके हैं। भोले बाबा कहते हैं, "मेरा कोई गुरु नहीं है, मुझे ईश्वर से बेहद लगाव है, एक बार उनका अहसास हुआ था। उसके बाद मैंने अपनी पूरी जिंदगी मानव कल्याण में लगा दी।"

भगदड़ के कारणों की जांच
मंगलवार को सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के गांव फुलरई में आयोजित भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ के कारण सौ लोगों के मारे जाने की आशंका है। भगदड़ का कारण अभी तक सामने नहीं आया है। यह भी कहा जा रहा है कि सुरक्षाकर्मियों द्वारा श्रद्धालुओं को एक जगह रोकने के कारण सांस लेने की समस्या सामने आई। इस कारण कई लोग मौके पर बेहोश हो गए। प्रशासन द्वारा इस घटना की जांच की जा रही है।
कुछ लोगों का कहना है कि सत्संग में दस हजार से ज्यादा लोग पहुंचे थे। दोपहर लगभग 12.30 बजे सत्संग समाप्त होने के बाद भीड़ को रोक दिया गया था और भोले बाबा को पीछे के दरवाजे से निकाला जा रहा था। इससे अंदर दबाव बढ़ गया। वहां एक गहरा गड्डा था, जिसमें कुछ लोग गिरे तो भगदड़ मच गई। लोग एक-दूसरे को रौंदकर निकलते रहे। गड्ढे में गिरकर कई लोगों की मौत हो गई।
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