पं.रघुनाथ तलेगाँवकर फाउंडेशन ट्रस्ट एवं संगीत कला केन्द्र ने किया विशिष्ट जन सम्मान, गायन, वादन और नृत्य कार्यक्रमों ने किया मंत्रमुग्ध

आगरा, 28 जुलाई। पं.रघुनाथ तलेगाँवकर फाउंडेशन ट्रस्ट एवं संगीत कला केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में 74वें गुरू पूर्णिमा महोत्सव एवं गुरुजन सम्मान समारोह का रविवार को ग्रांड होटल के सभागार में किया गया। समारोह में नगर के विशिष्ट कलाविदों को अपने क्षेत्र में विशेष कार्य करने हेतु सम्मानित किया गया। वरिष्ठ चिकित्सक‌ डा.एम.सी.गुप्ता को “चिकित्सा शिल्पी”, पं.शीतल प्रसाद मिश्र को “संगीत शिल्पी”, रामेन्द्र मोहन त्रिपाठी को “साहित्य शिल्पी” प्रो. ज्योत्स्ना रघुवंशी को “नाट्य शिल्पी”, वरिष्ठ पत्रकार संजय तिवारी को “जनसंचार शिल्पी”, ज्योति खंडेलवाल को “आदर्श गुरु” एवं रमेश चन्द्र को “वाद्य शिल्पी” के मानद सम्मान से संस्था के अध्यक्ष विजय पाल सिंह चौहान, उपाध्यक्ष अनिल वर्मा, सदस्य अरुण डंग, अम्बरीश पटेल, डॉ मंगला मठकर, डॉ मनीषा, नीरज जैन, डॉ महेश धाकड़ एवं प्रतिभा तलेगांवकर ने उपवस्र व सम्मान पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ प्रथम पूज्य गणपति एवं सरस्वती के चित्रों के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं पंडित विष्णु दिगम्बर पलुस्कर, पंडित विष्णु नारायण भातखण्डे, पं.रघुनाथ तलेगाँवकर, सुलभा, रानी सरोज गौरिहार, उस्ताद लल्लू सिंह एवं संगीत नक्षत्र पं. केशवजी के चित्र पर विशिष्ट अतिथि पद्मश्री डॉ आर.एस.पारीक व संस्था सदस्यों द्वारा माल्यार्पण कर किया गया।
नन्हीं छात्राओं निहि सिंह एवं शनायरा लाल द्वारा सरस्वती वंदना के साथ संगीत की प्रस्तुतियां शुरू हुईं।
राघव गर्ग, शगुन शर्मा, गौरांश शर्मा, रिदम चतुर्वेदी एवं अयाईना दुआ, पौरुष अवस्थी ने भी गुरु वंदना प्रस्तुत की। युवराज दीक्षित ने राग अल्हैया बिलावल, आर्ची एवं आरुषि राय ने मौसम के अनुसार राग देस में रचना प्रस्तुत की। दिव्यांशी, अभिलाषा शुक्ला, महक जादौन, आर्या भाटी ने भजन गाया।
इन प्रस्तुतियों में निर्देशन प्रतिभा तलेगांवकर का रहा। तबला संगत डॉ.लोकेन्द्र तलेगाँवकर एवं संवादिनी पर साथ दिया केंद्र के नन्हे साधक प्रत्यूष विवेक पांडेय ने। इन सुरीली प्रस्तुतियों के बाद छात्रों को प्रमाण पत्र एवं मेडल संस्था सदस्य वत्सला प्रभाकर एवं डॉ.आभा चतुर्वेदी द्वारा प्रदान किए गए।
कार्यक्रम की अगली प्रस्तुति के रूप में लखनऊ से पधारे बनारस घराने के प्रतिनिधि कलाकार पं.शीतल प्रसाद मिश्र के धेवते एवं डा.भरत मिश्र के पुत्र श्री सोहम मिश्र का तबला वादन रहा। उन्होंने श्रोताओ को भाव विभोर किया। संवादिनी पर संगत पं.रवींद्र तलेगांवकर ने की।
नृत्य ज्योति कथक केंद्र की छात्राओं ने सामूहिक रूप से पारंपरिक नृत्य रूपक ताल में ज्योति खंडेलवाल के निर्देशन में प्रस्तुत किया। अष्टनायिका स्वरूप को अभिनय एवं नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत कर स्वर्णिमा सिंह, रिद्धि गुप्ता, अन्वी पांडे, अग्रिमा सिंह ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। तबला संगत डा.भानु प्रताप सिंह‌ ने गायन एवं संवादिनी संगत महेन्द्र प्रताप सिंह‌ ने कुशलता पूर्वक की। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम अधिशासी, आकाशवाणी श्रीकृष्ण ने किया। संस्था अध्यक्ष विजयपाल सिंह चौहान ने सभी का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में योगेश शर्मा, डॉ.अरुण चतुर्वेदी, सुप्रसिद्ध गजल गायक सुधीर नारायण, अभय पोताड़े, डॉ प्रदीप श्रीवास्तव, सन्दीप अरोड़ा, दीपक प्रह्लाद, ज्योति प्रसाद, धन्वंतरि पाराशर, मोहित कुमार, पार्थो सेन, सुशील सरित, डॉ. आंश्वना, डॉ.कमल अरोड़ा, पायल सिंह, आँचल जैन आदि प्रमुख थे।
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