केंद्रीय बजट का आमतौर पर स्वागत, कुछ सेक्टर निराश, ड्यूटी घटने से सोने-चांदी में गिरावट

आगरा 23 जुलाई। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को संसद में पेश केंद्रीय बजट का आमतौर पर स्वागत किया गया है, हालांकि कुछ सेक्टरों में राहत न मिलने से निराशा भी हुई। बजट के बाद एमसीएक्‍स और सर्राफा बाजार में सोने-चांदी की कीमत में बड़ी ग‍िरावट देखी गई। बजट में सोने-चांदी की कीमत में ग‍िरावट लाने के ल‍िए इम्‍पोर्ट ड्यूटी को 15 प्रत‍िशत से घटाकर छह प्रत‍िशत क‍िया जा रहा है। प्लेटिनम पर कुल इंपोर्ट ड्यूटी 15.4% से घटकर 6.4% कर दी गई। इसका असर यह हुआ क‍ि कुछ ही देर सोने और चांदी के रेट तेजी से गिर गए। सोने की कीमत कम होने से इसकी मांग बढ़ सकती है।
चमड़े पर निर्यात शुल्क घटाना राहत भरा कदम
चमड़ा निर्यात परिषद (सीएलई) के चेयरमैन राजेंद्र कुमार जालान ने एक वक्तव्य में कहा कि केंद्रीय बजट में चमड़ा एवं फुटवियर क्षेत्र के लिए दो प्रमुख उपायों की घोषणा की गई है। एक है चमड़े पर निर्यात शुल्क को युक्तिसंगत बनाना तथा दूसरा है चमड़े के वस्त्र, चमड़ा उत्पाद एवं फुटवियर निर्यातकों के लिए शुल्क मुक्त योजना के अंतर्गत गीले नीले क्रोम टैन्ड लेदर, गीले सफेद लेदर, क्रस्ट लेदर एवं तैयार लेदर सहित अधिक इनपुट को शामिल करना। निर्यात शुल्क के मोर्चे पर, गीले नीले और क्रस्ट चमड़े पर निर्यात शुल्क 40% से घटाकर 20% कर दिया गया है। इससे देश से मूल्यवर्धित प्रसंस्कृत चमड़े के निर्यात में सुविधा होगी, क्योंकि वैश्विक बाजार में इन चमड़े की भारी मांग है।
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चमड़े को ड्यूटी फ्री आईजीसीआर लिस्ट में शामिल किया गया
सीएलई उत्तरी जोन के चेयरमैन और एफमेक के अध्यक्ष पूरन डावर ने कहा कि हमारी मुख्य मांग चमड़े पर 10% ड्यूटी हटाने की थी जो मान ली गई है। चमड़े को ड्यूटी फ्री आईजीसीआर लिस्ट में शामिल कर लिया गया है। एक ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत निर्यात के लिये ड्यूटी फ्री इंपोर्ट किया जा सकता है। वेटब्लू और क्रस्ट लेदर के निर्यात पर 40% एक्सपोर्ट ड्यूटी थी जिसे 20% कर दिया गया है। लेदर का एक्सपोर्ट 2 बिलियन डॉलर से घट कर 500 मिलियन डॉलर तक गिर गया है लेदर के निर्यात में वृद्धि हो सकती है।
एमएसएमई 45 दिन पेमेंट के लिए लागू धारा 43 H(B) न हटने से निराशा भी हो सकती है। इंडस्ट्रियल हब, रोड इंफ्रा पर बड़ा खर्च, एक करोड़ नये मकान या 100 शहरों के बड़े विकास पर फोकस 1000 करोड़ रुपये स्पेस पर इन सब से रोजगार सृजित होंगे। गरीबों के लिए मुद्रा लोन 10 लाख से 20 लाख, उच्च शिक्षा के लिए लोन, महिला शिक्षा के लिए लोन विकसित भारत की ओर कदम हैं। 
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केंद्रीय बजट सर्वग्राह्यी और सर्वस्पर्शी 
राज्यसभा सांसद नवीन जैन ने केंद्रीय बजट को सर्वग्राह्यी और सर्वस्पर्शी बताया। ऐसा पहला बजट है जिसमें युवाओं को नौकर नहीं, नौकरीदाता बनाने का प्रावधान किया गया है। युवा, महिला, किसान, उद्यमी और मध्यम वर्ग के लिए भरपूर राहत प्रदान की गई है। छोटे कारोबारियों के लिए सरकार ने खजाना खोल दिया है। पीएम मुद्रा योजना में 20 लाख रुपये तक का ऋण मिलेगा। मोबाइल फोन, चार्जर, चांदी, सोना, सोलर पैनल, कैंसर के इलाज की दवाइयां सस्ती हुई हैं। सरकार एक करोड़ युवाओं को अगले पांच साल में टॉप-500 कंपनियों में इंटर्नशिप का मौका देगी। संगठित क्षेत्र में पहली बार नौकरी की शुरुआत करने वालों को एक महीने का वेतन दिया जाएगा। जो 15 हजार रुपये तक होगा। इससे 2.10 करोड़ युवाओं को फायदा होगा।
बजट में तीन लाख रुपये तक की आमदनी पर करदाताओं को कोई टैक्स नहीं देना होगा। स्टार्टअप्स में सभी वर्ग के निवेशकों के लिए एंजल टैक्स समाप्त कर दिया गया है। ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए टीडीएस दर एक प्रतिशत से घटाकर 0.1 प्रतिशत कर दी जाएगी।
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महिलाओं का रखा गया विशेष ध्यान
चार्टर्ड अकाउंटेंट दीपिका मित्तल मंत्री ने कहा कि बजट में खासकर महिलाओं, युवाओं और मध्यमवर्ग का विशेष ध्यान रखा है। महिलाओं और बालिकाओं को बजट में फायदा पहुंचाते हुए  सरकार ने तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया है। कामकाजी महिलाओं को नौकरी के दौरान किसी भी प्रकार की बाधा न हो, इसके लिए कार्यस्थल पर छोटे बच्चों की देखभाल के लिए क्रेच बनाने का ऐलान किया है। सरकार ने इस बार बड़ी संख्या में महिलाओं को प्रशिक्षित करने का ऐलान किया है, ताकि वो भारत की अर्थव्यवस्था को विकसित करने की दिशा में अहम अपना योगदान दे सकें। देश के 4.1 करोड़ युवाओं के लिए प्रधानमंत्री पैकेज की घोषणा और रोजगार के लिए 1.48 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है। मध्यमवर्ग को राहत देते हुए सरकार ने स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया है। पारिवारिक पेंशन पर छूट की सीमा 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपये की गयी है। बजट में इन दोनों बदलावों से नौकरीपेशा और पेंशनर्स को बड़ा फायदा मिलेगा।
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सड़क परिवहन समुदाय के प्रति सरकार उदासीन 
ट्रांसपोर्टर वीरेंद्र गुप्ता ने कहा कि सड़क परिवहन समुदाय इस क्षेत्र के प्रति सरकार के उदासीन रवैये से बहुत दुखी है। राजकोष में सबसे अधिक करदाता तथा रोजगार सृजन के मामले में कृषि के बाद दूसरे सबसे बड़े क्षेत्र के रूप में सड़क परिवहन क्षेत्र को सरकार के साथ रचनात्मक जुड़ाव के माध्यम से सकारात्मक परिणामों की उम्मीद थी। ये उम्मीदें व्यर्थ हो गईं। ओडिशा और बिहार में बुनियादी ढांचे और पर्यटन विकास के वृहद उद्देश्य (राजनीतिक आवश्यकताओं के हिस्से के रूप में) यात्री परिवहन और पर्यटन क्षेत्र से हमारे भाइयों के लिए एकमात्र सांत्वना है। इस क्षेत्र की व्यवहार्यता कई तरह के कराधान, बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और डीजल, टोल, थर्ड पार्टी बीमा और टायर की कीमतों जैसे बढ़ते इनपुट लागतों से खतरे में है।
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फुटवियर पर जीएसटी न घटने से निराशा
एफएफएम के अध्यक्ष कुलदीप कोहली ने निराशा जताते हुए कहा कि फुटवियर उद्योग के लिए सबसे बड़ी चुनौती रही जीएसटी अपरिवर्तित है। सिर्फ जूते पर 12% जीएसटी के कारण, 100 रुपये की बाथरूम चप्पल खरीदने वाले ग्राहक को भी 12 रुपये का भुगतान करना पड़ रहा है और यह तब हो रहा है जब टीडीएस काटने के बाद वेतन का भुगतान किया जाता है। परिधान के साथ जूते भी एक आवश्यकता है, दोनों उद्योगों को एक ही मापदंड से क्यों नहीं संभाला जा सकता। फुटवियर उद्योग साल दर साल गिरता जा रहा है। आगरा में फुटवियर सबसे बड़ा रोजगार प्रदाता है, फिर भी फुटवियर उद्योग को हमेशा नजरअंदाज किया जाता है।_______________________________________
बजट जूता, सर्राफा व्यवसाय के लिए लाभप्रद 
नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स की बैठक में बजट को जूता उद्योग एवं सर्राफा व्यवसाय के लिए लाभप्रद बताया गया। चमड़े, सोना व चांदी पर कस्टम डयूटी में कमी करने से आगरा जूता उद्योग एवं सर्राफा व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा। सभी की राय थी कि बजट कृशि एवं रोजगार में सुधार के लिए काफी उपयोगी है।
एमएसएमई इकाइयों के लिए बहुत से प्रावधान किये गये हैं। महिलाओं के लिए स्टाम्प ड्यूटी में कटौती सराहनीय कदम है। राज्यों को स्टाम्प ड्यूटी घटाने की गुजारिश की गई है। बैठक में अध्यक्ष अतुल गुप्ता, अम्बा प्रसाद गर्ग, मनोज कुमार गुप्ता, नितेश अग्रवाल, सीए दीपेन्द्र मोहन, सीताराम अग्रवाल, सर्वेश वाजपेई, अनिल वर्मा, योगेश जिन्दल आदि उपस्थित थे।
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