नगर निगम में 3.5 करोड़ के कॉम्पेक्टर महज तीन साल में बने कबाड़! महापौर ने निरीक्षण कर नगरायुक्त को दिए जिम्मेदारों पर कार्रवाई के निर्देश

आगरा, 06 जुलाई। नगर निगम में करोड़ों रुपये से खरीदे गए कॉम्पेक्टर कबाड़ हो रहे हैं। जनता की गाढ़ी कमाई से टैक्स के माध्यम प्राप्त होने वाली राशि से शहर को स्वच्छ रखने के लिए खरीदे गए उपकरणों को निगम के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण कबाड़ किया जा रहा है। यह मामला महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाहा के औचक निरीक्षण में सामने आया।
महापौर ने विगत चार जुलाई को नगर निगम की एम एंड टी वर्कशॉप का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि 18 घनमीटर क्षमता के सात कॉम्पेक्टर कबाड़ हालत में पड़े हुए हैं। इन कॉम्पेक्टरों को वर्ष 2020 में नगर निगम द्वारा 14वें वित्त आयोग निधि से खरीदा गया था। महापौर को जब यह जानकारी हुई तो वह नाराज हुईं। महापौर ने कहा कि मात्र तीन साल में ही कॉम्पेक्टर कबाड़ कैसे हो सकते हैं? महापौर ने इसके लिए नगर आयुक्त को पत्र लिख जांच कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
नगर निगम द्वारा नगर की विकराल समस्या को देखते हुए वर्ष 2020 में 14 वें वित्त आयोग निधि से 3.51 करोड़ रुपये में मै. ऊषा इंजीनियरिंग्स गाजियाबाद से निविदा के माध्यम से सात 18 घनमीटर क्षमता के सात कॉम्पेक्टर खरीदे थे। मात्र तीन साल में कॉम्पेक्टरों का कबाड़ होना मशीनरी की गुणवत्ता और अधिकारियों की घोर लापरवाही को उजागर करता है। महापौर ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर यह जानकारी भी मांगी है कि कॉम्पेक्टरों को खरीदते समय अनुबंध में रख-रखाव इत्यादि की भी व्यवस्था की गई थी या नहीं। महापौर ने नगरायुक्त से तीन दिन के भीतर लापरवाही कर रहे जिम्मेदारों की जांच करने के निर्देश दिए हैं।
महापौर ने कहा कि नगर निगम में सरकारी संपत्ति को निगम कर्मियों की लापरवाही से खराब करने के मामले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 
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