हाथरस भगदड़ हादसा या साजिश? मुख्यमंत्री बोले- सेवादार मदद करने की बजाय भागे क्यों, न्यायिक जांच कराएंगे || योगी ने हाथरस पहुंचकर जाना पीड़ितों का हाल, अफसरों से लिया अपडेट, भगदड़ से मरने वाले 121 हुए

हाथरस, 03 जुलाई। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को यहां कहा कि हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ की न्यायिक जांच कराई जायेगी। सीएम ने प्रवचनकर्ता भोले बाबा के खिलाफ भी कार्रवाई का संकेत देते हुए कहा कि अभी आयोजकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, लेकिन जल्द इसका दायरा बढ़ाया जायेगा। 
हाथरस के सिकंदराराऊ में मंगलवार को भोले बाबा उर्फ साकार विश्व हरि उर्फ सूरजपाल सिंह के सत्संग की समाप्ति के बाद मची भगदड़ में सौ से अधिक लोगों की मौत हो गई। मुख्यमंत्री ने बताया कि भगदड़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 121 हो गई है।
मुख्यमंत्री यहां सिकंदराराऊ में सत्संग में मची भगदड़ की पीड़ितों का हाल जानने पहुंचे थे। उन्होंने हाथरस जिला अस्पताल में घायलों का हाल जाना और इससे पहले पुलिस लाइन में अधिकारियों से हादसे के बारे में अपडेट भी लिया। योगी ने बारिश के बीच सिकंदराराऊ के हादसा स्थल का भी मुआयना किया।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस हादसे की उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से न्यायिक जांच कराई जायेगी। यह देखा जायेगा कि यह केवल हादसा था या कोई साजिश। यदि किसी प्रकार की साजिश पाई गई तो दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आम तौर पर किसी सत्संग या कथा स्थल पर बाहरी घेरे में पुलिस रहती है और अंदरूनी घेरे में आयोजकों के स्वयंसेवक या सेवादार व्यवस्था संभालते हैं। हादसा होने पर सेवादारों को पीड़ितों की मदद तेजी से करनी चाहिए थी लेकिन वे मौके से भाग गए। यह भी पता चला है कि जब भगदड़ में लोग एक दूसरे पर गिर रहे थे तो सेवादार भी उन्हें धक्का दे रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हादसे की प्रारंभिक जांच के लिए एडीजीपी आगरा के नेतृत्व में बनाई गई एसआईटी ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट दी है। एसआईटी भी अपनी जांच जारी रखेगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार के तीन मंत्री और 
मुख्य सचिव मनोज कुमार और डीजीपी प्रशांत कुमार रात से ही हाथरस में डेरा डाले हुए हैं। अलीगढ़ और आगरा मंडल के पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी देर रात तक हाथरस और सिकंदराराऊ में घायलों के समुचित उपचार, मृतकों के शव सम्मानपूर्वक उनके परिजनों के सुपुर्द करने की कवायद में जुटे रहे। 
मुख्य सेवादार और आयोजकों पर मुकदमा दर्ज 
हादसे को लेकर सत्संग के मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर समेत अन्य अज्ञात आयोजकों, सेवादारों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धारा 105 बीएनएस में मामला दर्ज किया गया है। सबूत छिपाने की धारा 238 बीएनएस भी लगाई गई है। 
इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका 
उधर, प्रयागराज के अधिवक्ता गौरव द्विवेदी इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरुण भंसाली को लेटर पिटीशन भेजकर पूरी घटना की सीबीआई या न्यायिक जांच कराए जाने की मांग की। याचिका में घटना की जिम्मेदार अफसरों को निलंबित किए जाने और मौतों के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
मुख्य आयोजक के घर पर हंगामा
सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र के गांव फुलराई में सत्संग के दौरान भगदड़ में एक सौ से अधिक लोगों की मौत के बाद कार्यक्रम के आयोजक देव प्रकाश मधुकर के घर के बाहर स्थानीय लोगों ने जमकर हंगामा किया। वे देव प्रकाश मधुकर और सत्संग के आयोजन में प्रवचनकर्ता सूरजपाल उर्फ भोले बाबा सहित 78 आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। इस कांड के बाद से फरार चल रहे भोले बाबा के बारे में खबर मिली कि वह मैनपुरी के बिछवा हरि नगर स्थित आश्रम में है।  पुलिस उससे पूछताछ का प्रयास कर रही है।
मृतकों में सत्रह आगरा के भी
हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ में आगरा के भी 17 श्रद्धालुओं की मौत हुई। इनमें 16 महिलाएं और एक पुरुष शामिल हैं। मृतकों में एत्मादपुर के सात, ताजगंज के तीन, न्यू आगरा, सदर, जगनेर, खंदौली, मलपुरा, जगदीशपुरा और किरावली की एक-एक महिलाएं शामिल हैं। 
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