मसाला कारोबारियों के समर्थन में आगे आया नेशनल चैंबर, एफएसडीए की सैंपलिंग पर उठाए सवाल || केंद्र और प्रदेश सरकार को भी अवगत कराएंगे

आगरा, 26 जून। व्यापारियों और उद्यमियों की संस्था नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स मसाला कारोबारियों के समर्थन में उठ खड़ी हुई है। चैंबर पदाधिकारियों ने गुरुवार को प्रेसवार्ता करते हुए खाद्य सुरक्षा व ड्रग प्रशासन (एफएसडीए) की पिछले सप्ताह मसाला कारोबारियों पर की गई कार्रवाई पर सवाल उठाए। 
चैंबर भवन में पत्रकारों से बातचीत में अध्यक्ष अतुल गुप्ता ने कहा कि मसाला उद्योग को जांच के नाम पर निशाना बनाया जा रहा है। दशकों की कठिनाइयां झेलते हुए विश्वसनीयता अर्जित करने वाले ब्रांडेड मसाला उद्योग की जांच के नाम पर विश्वसनीयता ध्वस्त की जा रही है। चैंबर इस मामले को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार एवम उच्चाधिकारियों को पत्र लिख रहा है। अगले महीने खाद्य सुरक्षा व ड्रग प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक भी की जाएगी।
मसाला उद्यमी विकास चतुर्वेदी का कहना था कि मसालों में कीटनाशक दवाओं की जांच प्रथम बार की गई, जबकि मसाला उद्योग से कीटनाशक दवा का दूर-दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं है। कीटनाशक एवं रसायन किसानों द्वारा फसल में उनकी वृद्धि एवं रोगों से बचाने के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं, मसाले में नहीं। प्राचीन पेठा के राजेश अग्रवाल ने कहा कि सरकार ऐसी व्यवस्था करे कि मंडी में किसान की फसल की विक्रय से पूर्व कीटनाशक व रसायन की जांच हो।
अंधा पंसारी के अखिल अग्रवाल ने कहा कि मसाला उद्यमियों को हर बार जांच कराकर मसाला बेचना पूरी तरह से अव्यवहारिक है। क्योंकि जांच की रिपोर्ट एक से डेढ दो महीने तक प्राप्त होती है। जब तक व्यापार को कैसे रोका जा सकता है। 
कविता मसाले के अशोक लालवानी ने कहा कि कई मसालों में 40 से 50 वस्तुएं इस्तेमाल होती हैं। हर वस्तु की 265 जांच पूरी तरह से अव्यवहारिक है। 
0.106 के अंतर को मुद्दा बनाया गया!
प्रेस वार्ता में चौबेजी मसाले के विकास चतुर्वेदी ने बताया कि उनके यहां एक सैंपल में 265 जांचें की गईं, जिनमें से 264 जांच सही पाई गईं। केवल एक जांच में 0.1 प्रतिशत के स्थान पर 0.106 प्रतिशत का अंतर बता दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामूली अंतर के कारण विश्वसनीय ब्रांड को बदनाम किया जाना कहां तक तर्कसंगत है।
कहीं पास, कहीं फेल
दया मसाले के योगेश दीक्षित ने कहा कि उनके सैंपल राज्य स्तरीय एजेंसी ने पास कर दिए और उसी सैंपल पर स्थानीय एजेंसी ने सवाल उठा दिए, अब किसे सही और किसे गलत माना जाए। व्यापारी से कह दिया जाता है कि अगले आदेश तक बिक्री न करें, ऐसी स्थिति के व्यापार कैसे करें।
ये रहे मौजूद
प्रेस वार्ता में चैंबर उपाध्यक्षद्वय मनोज गुप्ता, अम्बा प्रसाद गर्ग, कोषाध्यक्ष नितेश अग्रवाल, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के को-चेयरमैन राजेश अग्रवाल, सदस्य योगेश जिंदल, विकास चतुर्वेदी, गोपाल दास सिंघल, अनुराग अग्रवाल, आशीष अग्रवाल, सिद्धार्थ मित्तल, अनिल अग्रवाल, विवेक जैन, अशोक लालवानी, मनीष बंसल, जतिन अग्रवाल, योगेश दीक्षित, शालू उपस्थित थे। 
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