ब्रज की छह सीटों पर कहीं रोमांचक मुकाबले तो कहीं एकतरफा परिणामों के आसार

आगरा, 02 जून। लोकसभा चुनाव के एक्जिट पोल में ब्रज क्षेत्र की छह में से तीन सीटें स्पष्ट रूप से भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में जाती दिख रही हैं, कड़े मुकाबले के कारण चौथी सीट पर रोमांच बना हुआ है। हालांकि चौथी सीट भी भाजपा के पक्ष में जाने की संभावना है। शेष दो सीटों पर मुकाबला फंसा हुआ दिख रहा है। 
ब्रज क्षेत्र की छह लोकसभा सीटों में से वर्ष 2019 में भाजपा ने पांच सीटों पर जीत हासिल की थी। इनमें आगरा, फतेहपुर सीकरी, मथुरा, फिरोजाबाद और एटा शामिल हैं। मैनपुरी में सपा के मजूबत किले को भाजपा नहीं हिला पाई थी। इस बार के सर्वे की बात करें तो मैनपुरी के साथ फिरोजाबाद की सीट भी समाजवादी पार्टी के पक्ष में जा सकती हैं। एटा में भी मुकाबला कड़ा नजर आ रहा है।
सर्वे के अनुसार, आगरा लोकसभा सीट पर भाजपा को हिला पाना काफी मुश्किल है। इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी प्रो. एसपी सिंह बघेल काफी मजबूत स्थिति में नजर आ रहे हैं। वहीं सपा-कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी सुरेश चंद कर्दम और बसपा प्रत्याशी पूजा अमरोही की स्थिति बहुत अच्छी नहीं मानी जा रही है। 
फतेहपुरसीकरी लोकसभा सीट पर भाजपा फंसी नजर आ रही है। हालांकि मुकाबला कड़ा होने के बावजूद सर्वे भाजपा प्रत्याशी राजकुमार चाहर के पक्ष में जाता दिख रहा है। चाहर के खिलाफ स्थानीय स्तर पर विरोध और भाजपा के ही विधायक चौधरी बाबूलाल द्वारा अपने बेटे रामेश्वर चौधरी को निर्दलीय चुनाव मैदान में उतारने से यह सीट चर्चा में आ गई थी। फिर भी यहां मुख्य मुकाबला भाजपा के राजकुमार चाहर और इंडी गठबंधन के प्रत्याशी रामनाथ सिंह सिकरवार के बीच है। गठबंधन समर्थकों का मानना है कि रामनाथ सिकरवार के पक्ष में चौंकाने वाले नतीजे आ सकते हैं।
मथुरा सीट पर वर्तमान सांसद हेमामालिनी की जीत तय मानी जा रही है। हालांकि हेमा मालिनी अपनी ही पार्टी के कुछ स्थानीय नेताओं से भितरघात का सामना करना पड़ा। कुछ गांवों में उनकी सक्रियता काम रहने को लेकर नाराजगी भी रही, तथापि रालोद का साथ मिलने और मोदी-योगी के प्रति मतदाताओं का झुकाव हेमामालिनी के पक्ष में जाता दिख रहा है।
फिरोजाबाद में पिछले लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव अपने भतीजे अक्षय यादव के विरोध में खड़े हुए थे और एक बड़ा वोट बैंक काटकर अपने खाते में ले गए। सपा को फिरोजाबाद सीट गवांनी पड़ गई थी और इसका फायदा सीधे भाजपा प्रत्याशी को मिला। इस चुनाव में चाचा शिवपाल यादव अपने भतीजे अक्षय यादव के साथ खड़े नजर आए। इस वजह से जानकार मान रहे हैं कि इस सीट पर सपा वापस अपना कब्जा जमा सकती है। 
एटा लोकसभा सीट पर भाजपा के राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया के सामने सपा ने देवेश शाक्य को चुनाव मैदान में उतारा। यहां यादव और शाक्य मतदाताओं की एकजुटता का सपा को फायदा मिल सकता है। वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव में एटा सीट से भाजपा के राजवीर सिंह ने जीत हासिल की थी। भाजपा इस बार भी यह सीट अपनी झोली में आने का दावा कर रही है।
मैनपुरी संसदीय सीट पर मतदाताओं के दावे के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को बढ़त मिलती नजर आ रही है। यहां भाजपा प्रत्याशी ठाकुर जयवीर सिंह ने काफी जोर-शोर से प्रचार किया, लेकिन मैनपुरी में सपा के मजबूत किले को तोड़ पाना आसान नहीं दिख रहा है। 
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