छोटे बच्चों वाली महिला पुलिस कर्मियों को दोपहर में दो घंटे छुट्टी देने पर विचार, लोकसभा चुनाव बाद लागू हो सकती है योजना
आगरा, 24 मई। पुलिस कमिश्नरेट में महिला पुलिस कर्मियों को प्रतिदिन दोपहर में दो घंटे की छुट्टी देने की योजना पर विचार किया जा रहा है। योजना के तहत प्रस्ताव है कि जिन महिला पुलिसकर्मियों के बच्चे स्कूल जाते हैं, उन्हें बच्चों की छुट्टी के समय प्रतिदिन दो घंटे की छुट्टी दी जाए। जिनके बच्चों की आयु तीन वर्ष तक है, उन्हें भी दो घंटे की छुट्टी दी जाए। इस योजना को लोकसभा चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद लागू किया जा सकता है।
कमिश्नरेट में 650 महिला पुलिसकर्मी हैं। इनमें आरक्षी से लेकर निरीक्षक तक शामिल हैं। साठ प्रतिशत महिला पुलिसकर्मी विवाहित हैं। महिला पुलिसकर्मियों की परेशानी को देखते हुए उन्हें सुविधा देने के लिए मिशन शक्ति की नोडल अधिकारी एसीपी सुकन्या शर्मा द्वारा कार्य योजना बनाई गई है। उनका मानना है कि बच्चों के स्कूल की छुट्टी गर्मी और सर्दी में अलग-अलग समय पर होती है। इसलिए बच्चों के स्कूल की छुट्टी के समय महिला पुलिस कर्मियों को दो घंटे का अवकाश दिया जाना चाहिए, जिससे कि वह घर जाकर बच्चों की देखभाल कर सकें।
योजना में गर्भवती महिला पुलिसकर्मियों को भी शामिल किया गया है। उन्हें चिकित्सक द्वारा निर्धारित चेकअप पर पूरे दिन की छुट्टी देने का प्रस्ताव है। इसके साथ ही गर्भवती महिला पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाते समय भी यह ध्यान रखा जाएगा कि उन्हें ऐसी तैनाती न दी जाए जिससे असुविधा हो। उन्हें दबिश समेत अन्य ड्यूटी से दूर रखा जाएगा।
गौरतलब है कि छोटे बच्चों वाली महिला पुलिस कर्मियों की दिनचर्या सुबह साढ़े पांच बजे शुरू होती है। बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करना, उनका टिफिन बनाकर देना। उसके बाद खुद ड्यूटी पर निकलना। मगर, दोपहर में स्कूल की छुट्टी के बाद घर पहुंचने पर बच्चों ने समय पर खाना खाया या नहीं, शिक्षक ने कोई मैसेज तो नहीं दिया है जैसे कई प्रश्न रहते हैं। जिनका जवाब देर शाम को घर पहुंचने पर मिलता है। करीब तीन सौ से अधिक महिला पुलिसकर्मियाें काे रोज इन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थितियों राहत देने के लिए ही मिशन शक्ति की नोडल अधिकारी एसीपी सुकन्या शर्मा ने कार्य योजना बनाई है।
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