विवि के कर्मचारी का बयान सामने आया, बोला- कोई रास्ता नहीं बचा था इसलिए जहर खाया, कुशवाह समाज ने की आंदोलन की तैयारी

आगरा, 20 मई। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कर्मचारी दिनेश कुशवाह का कहना है कि मेरे पास कोई और रास्ता नहीं बचा था। मेरे अधिकारी भी मेरी नहीं सुन रहे थे। उच्च शिक्षा मंत्री के छोटे बेटे ने मुझसे कहा था कि कोई तेरी नहीं सुनेगा। इसलिए मैंने जहर खाया। दिनेश का सुसाइड नोट भी सामने आया है।
दिनेश का अब भी प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। परिजनों का कहना है कि उसके गले में इन्फेक्शन हो गया है। इसलिए ज्यादा बोलने की स्थिति में नहीं है। दिनेश के जहर खाने के मामले में पुलिस ने अब तक मुकदमा दर्ज नहीं किया है। कुशवाह समाज ने 48 घंटे का समय दिया था, जो पूरा हो चुका है। इसलिए  कुशवाह समाज ने आंदोलन की रणनीति बना ली है।
बता दें कि विवि के छलेसर परिसर में माली के पद पर कार्यरत कौशलपुर के रहने वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी दिनेश कुशवाह ने विगत 14 मई को जहर खा लिया था। उसे पहले एसएन मेडिकल कॉलेज लेकर गए। वहां से प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती किया गया। दिनेश कुशवाह की पत्नी साक्षी ने आरोप लगाए कि उनके पति को डिप्टी रजिस्ट्रार पवन कुमार ने दो साल पहले उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय के आवास पर अटैच कर दिया था। आरोप है कि उससे शौचालय साफ कराया जाता था, घरेलू कार्य कराए जाते थे। दो साल से उसे छुट्टी नहीं मिली थी।
रविवार को वह तबीयत ठीक न होने के कारण मंत्री के आवास पर नहीं गया। सोमवार को जब वह आवास पर पहुंचा तो मंत्री के छोटे बेटे अलौकिक उपाध्याय ने उसे जूतों से पीटा। उसे धमकी दी थी कि दिनेश कहीं शिकायत कर ले, कोई कुछ नहीं करेगा। इससे आहत होकर उसने अपने घर पर जहर खा लिया।
इस मामले में दिनेश ने मीडियाकर्मियों से कहा कि कोई रास्ता नहीं बचा था। दो साल से शिक्षा मंत्री के छोटे बेटे का व्यवहार सबसे खराब था। 14 मई को सबके सामने जूतों से मारा। मुंह पर थप्पड़ मारे। धमकी दी कि कोई मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। मैं और मेरे पिता यूनिवर्सिटी चलाते हैं। तुम सबकी तनख्वाह भी हमारी वजह से मिलती है। दिनेश का कहना है कि मैंने डिप्टी रजिस्ट्रार को फोन किया, शिकायत की। लेकिन उन्होंने भी सुनवाई नहीं की। उल्टा मुझे ही धमकी दी कि तुम्हें सस्पेंड कर दिया जाएगा। जब कोई अधिकारी मेरी बात ही नहीं सुन रहा था, तो मैं डर गया कि मेरी नौकरी यह ले लेंगे। मेरे पास कोई और रास्ता नहीं बचा था। इस डर में मैंने जहर खाया।
दिनेश ने बताया कि उसे सुविधा दी गई थी। वह दस दिन में एक बार जाकर अपनी अटेंडेस लगाकर आता था। सैलरी यूनिवर्सिटी से ही मिलती थी। दिनेश ने बताया कि उनसे पहले यूनिवर्सिटी की तरफ से दो लोग डेली वेजेज वाले भी शिक्षा मंत्री के यहां काम कर रहे थे। दिनेश से घर के काम कराए जाते थे।
उधर कुशवाह समाज ने 48 घंटे बीतने के बाद भी मुकदमा दर्ज न होने पर बैठक की। इस बैठक में रणनीति बनाई गई है। आगे की कार्यवाही के लिए रूपरेखा तैयार कर ली गई गई है। कुशवाह समाज अब सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगा। इस मामले को प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाया जाएगा।
_________________________________________

ख़बर शेयर करें :

Post a Comment

0 Comments