आखिर इतने निष्ठुर क्यों हो गए चिकित्सक?

आगरा, 24 अप्रैल। आखिर शवों का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर इतने निष्ठुर क्यों हो गए हैं। या तो सिस्टम में ही खराबी है या फिर मानवता खत्म होती जा रही है। हाल के दिनों में पोस्टमार्टम को लेकर लापरवाही या वसूली के मामले सामने आए हैं।
ताजा मामले में पोस्टमॉर्टम हाउस में 24 घंटे बाद एक शव का पोस्टमॉर्टम हुआ। मंगलवार सुबह एक लड़की ने सुसाइड किया था। मंगलवार दोपहर 12 बजे तक उसका शव पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंच गया, लेकिन चौबीस घंटे बाद बुधवार दोपहर लगभग एक बजे उसका पोस्टमॉर्टम शुरू हुआ। परिजनों को अनुमति के लिए भी परेशान किया गया।
थाना न्यू आगरा के नगला हवेली की रहने वाली 16 साल की एक लड़की ने मंगलवार सुबह सुसाइड कर लिया था। परिजनों ने बताया कि लड़की सोमवार रात आराम से घरवालों के साथ खाना खाकर सोई थी। अपने दादा से किताबों के लिए सौ रुपये भी लिए थे। सुबह बगल के कमरे में देखा तो उसने अपनी मां की साड़ी का फंदा बनाकर उसने सुसाइड कर लिया था। पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए मंगलवार दोपहर पोस्टमॉर्टम हाउस भेज दिया। परिजन भी पहुंच गए। शाम तक पोस्टमॉर्टम नहीं हुआ। परिजनों ने पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर से गुजारिश की। उन्होंने कहा कि मेरी ड्यूटी शाम सात बजे खत्म हो रही है। रात में पोस्टमॉर्टम के लिए मजिस्ट्रेट की परमिशन लेकर आओ। परिजन किसी तरह रात में ही परमिशन ले आए, लेकिन पोस्टमॉर्टम नहीं हुआ।
परिजनों का आरोप है कि मंगलवार को भी डॉक्टर हर पोस्टमॉर्टम के बाद ब्रेक पर चले जाते थे। बुधवार सुबह दस बजे परिजन फिर से पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचे। दोपहर लगभग एक बजे बॉडी को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाया गया।
बता दें कि दो दिन पहले ही पोस्टमॉर्टम के बाद शव लेने के लिए एक पिता से 600 रुपये लेने का मामला आया था। उससे पहले भी कई बार पोस्टमॉर्टम के नाम पर पैसे लेने की शिकायतें मिल चुकी हैं। विगत 11 फरवरी को लॉयर्स कॉलोनी में रहने वाले युवक ने मां और बेटे के हत्या कर सुसाइड कर लिया था। उनके परिजनों से भी दो हजार रुपये की मांग की गई थी। काफी बहस के बाद परिजनों ने 1500 रुपये दिए थे।
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