अब हाईटेक होगा रक्षा संपदा की भूमि का सर्वे

आगरा, 01 मार्च। रक्षा संपदा की भूमि का सर्वे अब और भी हाईटेक होने जा रहा है। इससे एक इंच भूमि के कब्जेदार बेनकाब होंगे। सर्वे में पहली बार डिफरेंशियल ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (डीजीपीएस) के साथ सतत संचालन संदर्भ स्टेशन (सीओआरएस) का प्रयोग किया जाएगा।
ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (जीपीएस) की तुलना में डीजीपीएस की सटीकता एक हजार गुना अधिक है। यह सर्वे आगरा, मथुरा, हाथरस सहित 14 जिलों में होगा।
"जागरण डॉट कॉम" के अनुसार, रक्षा संपदा कार्यालय आगरा सर्किल में भूमि पर कब्जे को लेकर हर दिन शिकायतें मिलती हैं। कई बार शिकायतें छावनी परिषद या फिर अन्य निकाय के माध्यम से आती हैं। शिकायतों की जांच में रक्षा संपदा की भूमि पर कब्जे की पुष्टि होती है लेकिन भूमि के क्षेत्रफल को लेकर कई बार विवाद स्थिति खड़ी हो जाती है।
ऐसे में दोबारा सर्वे कराना पड़ता है। अभी तक सर्वे में टोटल स्टेशन या फिर जीपीएस का प्रयोग किया जाता था। डीजीपीएस के साथ सीओआरएस का प्रयोग अभी तक नहीं किया गया है। रक्षा संपदा अधिकारी विद्याधर पवार ने बताया कि सर्किल के 14 जिलों में 6843.5 एकड़ भूमि है। डीजीपीएस के साथ सीओआरएस से सर्वे से एक इंच की भूमि पर कब्जे का पता चल जाएगा। भूमि को खाली कराया जाएगा।
विशेषज्ञों के अनुसार जीपीएस की तुलना में डीजीपीएस बेहतर है। यह सटीकता को एक हजार गुना तक बढ़ा देता है। इसकी सटीकता एक से तीन सेमी तक होती है। डीजीपीएस निश्चित ग्राउंड स्टेशनों का ठीक तरीके से प्रयोग किया जाता है।
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