भाजपा में खुलकर आई अंतरकलह, विधायक बाबूलाल पर बरसे पूर्व मंत्री उदयभान
आगरा, 21 मार्च। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मंत्री चौधरी उदयभान सिंह ने फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से पार्टी प्रत्याशी राजकुमार चाहर का विरोध करने पर अपनी ही पार्टी के विधायक चौधरी बाबूलाल को आड़े हाथों लिया। उन्होंने मांग की कि विधायक और उसके बेटे को पार्टी से निष्कासित किया जाए।
लोहामंडी स्थित अपने व्यवसायिक प्रतिष्ठान पर पूर्व मंत्री चौधरी उदयभान सिंह, डॉ. संजीव पाल सिंह ने कहा कि चौधरी बाबूलाल का इतिहास उठाकर देखा जाए तो वह भाजपा के विरोध में रहे हैं। हमारा परिवार छह पीढ़ियों से संघ का स्वयंसेवक रहा है। ऐसे में पार्टी का जो भी निर्णय रहा हो हमारे परिवार ने हमेशा उसी का समर्थन किया है।
डॉ. संजीव पाल सिंह ने कहा कि विधायक बाबूलाल के बेटे डॉ. रामेश्वर ने पार्टी के लिए कुछ नहीं किया है। मैं वर्ष 2009 से फतेहपुर सीकरी लोकसभा क्षेत्र में पार्टी का कार्य करता रहा हूं। मैंने भी लोकसभा के लिए टिकट मांगा था, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं पार्टी के घोषित प्रत्याशी का विरोध करने लगूं। चौधरी बाबूलाल का पूरा खानदान भाजपा का लाभ उठा रहा है। उनका एक बेटा जिला पंचायत सदस्य है, अनुज वधु ब्लॉक प्रमुख है। वह 2014 में लोकसभा सदस्य रहे और वर्तमान में विधायक हैं। इसके बाद भी पार्टी का विरोध करना दर्शाता है कि उनकी मानसिकता भाजपा विरोधी है।
पूर्व मंत्री चौधरी उदयभान सिंह ने कहा कि मैं भाजपा का निष्ठावान सिपाही हूं। मैं और मेरा अंश, मेरा वंश अंतिम श्वास तक पार्टी का रहेगा। जिस तरीके से आज मैंने प्रेसवार्ता कर जानकारी दी है, अगर चौधरी बाबूलाल का अपने बेटे से किसी भी तरीके का कोई संबंध नहीं है तो उनको भी प्रेसवार्ता कर बता देना चाहिए कि वो, भाजपा और राजकुमार चाहर के साथ खड़े हुए हैं। उनका अपने बेटे से किसी भी तरीके का कोई संबंध नहीं है।
यहां यह बताना आवश्यक है कि पूर्व मंत्री चौधरी उदयभान भी भाजपा से टिकट न मिलने के चलते खुलकर बगावत कर चुके हैं। पूर्व मंत्री ने आज की ग्रामीण विधानसभा और तब की दयालबाग विधानसभा के लिए 2002 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का टिकट न मिलने पर खुली बगावत कर दी थी और निर्दलीय ताल ठोकी थी। उस चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे थे। पार्टी से बगावत करने के चलते पूर्व मंत्री चौधरी उदयभान सिंह को भाजपा ने निष्काषित भी किया था। बहरहाल, भाजपा में अंतर्कलह खुलकर सामने आ गई है। जिसका खामियाजा भाजपा को लोकसभा में भारी पड़ सकता है। अगर भाजपा नेतृत्व ने अंतर्कलह का कोई समाधान नहीं निकाला तो 2024 के चुनाव में फतेहपुर सीकरी सीट के उम्मीदवार राजकुमार चाहर के लिए भारी पड़ सकता है।
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