सांसद चाहर और नवीन जैन ने अधिवक्ता की मौत को लेकर पुलिस पर उठाए सवाल
आगरा, 02 मार्च। बहुमंजिला इमारत से गिरकर वकील की मौत के मामले में कमिश्नरेट पुलिस की कार्यप्रणाली पर फतेहपुर सीकरी से सांसद राजकुमार चाहर ने सवाल उठाए हैं। राज्यसभा सांसद नवीन जैन ने भी पुलिस की रात्रि दबिश पर कड़ा ऐतराज जताया है।
सांसद द्वय ने इस मामले में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि बीती रात एक मामले में पुलिस ने अधिवक्ता सुनील शर्मा के शास्त्रीपुरम के निकट मंगलम आधार अपार्टमेंट स्थित फ्लैट पर दबिश दी थी और कुछ देर बाद ही अधिवक्ता की बहुमंजिला इमारत से गिरकर मौत हो गयी थी। शास्त्रीपुरम सांसद चाहर के निर्वाचन क्षेत्र में आता है, जबकि राज्यसभा सदस्य नवीन जैन का शास्त्रीपुरम स्थित निवास मंगलम आधार अपार्टमेंट से सटा हुआ है।
अधिवक्ता की मौत को लेकर शहर के वकीलों में भारी आक्रोश है। शनिवार को पूरे दिन वकीलों के आक्रोश को देखते हुए दीवानी न्यायालय परिसर पूरे दिन पुलिस छावनी बना रहा। वहीं मंगलम आधार पर एक ट्रक पीएसी, फायर ब्रिगेड और बड़ी संख्या में महिला व पुरुष पुलिस कर्मी तैनात रहे।
राजसभा सदस्य नवीन जैन ने कहा कि मृत अधिवक्ता कोई जघन्य अपराधी या आतंकवादी नहीं था, जो पुलिस रात में दबिश देने पहुंच गई। यदि मृतक के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज था तो उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जाना चाहिए था। देश के बड़े-बड़े मामलों में सीबीआई या ईडी भी पहले पूछताछ के लिए बुलाती हैं और कानून के भीतर रहकर अपने कार्य को करती हैं। आगरा पुलिस पर ऐसा क्या दबाव था कि वह नियमों के खिलाफ रात में दबिश देने पहुंच गई। उन्होंने मांग की कि पूरे मामले की निष्पक्षता से जांच करा कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
इससे पहले सांसद राजकुमार चाहर ने भी कहा कि अगर अधिवक्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज था तो कानूनी प्रक्रिया अपना कर पहले उसे नोटिस देना चाहिए था, न कि रात को जाकर घर पर दबिश देनी थी। उनके खिलाफ इतना बड़ा मुकदमा भी नहीं था कि उन्हें पकड़ने के लिए रात को दबिश देना जरूरी था। सांसद ने कहा कि अगर कोर्ट अधिवक्ता को दोषी ठहरा देता और उन्हें पकड़ने का आदेश देता तो पुलिस उसे गिरफ्तार कर जेल भेज सकती थी। जिन पुलिसकर्मियों ने यह अनैतिक प्रयास किया, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। मामला अधिवक्ता से जुड़ा है इसलिए अधिवक्ता लामबंद हैं और यह मामला मुख्यमंत्री योगी तक पहुँच गया है। वे खुद भी पीड़ित परिवार से बात कर पूरे मामले की जानकारी लेंगे। अगर पुलिस ने अनैतिक कार्य किया है तो आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग करेंगे।
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