पुरातन शिवालयों के बारे में भी पर्यटकों को बताएं गाइड

आगरा, 20 फरवरी। होटल डबल ट्री बाय हिल्टन में मंगलवार को हुई परिचर्चा में कहा गया कि शहर को आध्यात्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का समय है। गाइडों को शहर के ऐतिहासिक स्थलों के साथ पुरातन शिवालयों के बारे में भी पर्यटकों को बताना चाहिए। 
स्फीहा (सोसाइटी फॉर प्रिजर्वेशन ऑफ हेल्दी एनवायरनमेंट एंड इकोलॉजी एंड हेरिटेज ऑफ आगरा) ने टूरिज्म गिल्ड ऑफ आगरा और यूपी टूरिज्म द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस 
परिचर्चा का विषय था- ‘आगरा और बटेश्वर के शिव मंदिरों का कालक्रम।’ 
टूरिज्म गिल्ड के पूर्व अध्यक्ष अरुण डंग कहा कि सिंधिया और अहिल्याबाई ने आगरा और बटेश्वर में कई मंदिर बनवाए और नजीर अकबराबादी ने अपनी कविताओं में आगरा के चरित्र को आकार देने में इन मंदिरों की भूमिका पर प्रकाश डाला है। आगरा में कई शिव मंदिरों के पुनरुत्थान में मराठा साम्राज्य की भूमिका पर प्रकाश डाला।
स्फीहा के सचिव पंकज गुप्ता ने आध्यात्मिकता और पर्यावरण चेतना पर बात की और कहा कि बढ़ते पर्यावरणीय संकट के लिए आध्यात्मिक प्रतिक्रिया की आवश्यकता है। इसमें पांच तत्वों से बनी भौतिक और आध्यात्मिक गतिविधियों का प्रतिच्छेदन शामिल होना चाहिए ताकि सभी जीवित प्राणी फल-फूल सके। 
मेला कोठी एवं चंबल सफारी की निदेशक अनु ढिल्लन सिंह ने बटेश्वर के विभिन्न शिव मंदिरों और उनके संक्षिप्त इतिहास पर एक प्रस्तुति दी। यूपी पर्यटन के संयुक्त निदेशक अविनाश चंद्र मिश्रा ने सरकार द्वारा की जा रही विभिन्न पहलों के बारे में बात की। श्याम कुमार ने शहर की अर्थव्यवस्था में पर्यटन की भूमिका पर प्रकाश डाला।
इससे पूर्व स्फीहा के उपाध्यक्ष और टूरिज्म गिल्ड के पूर्व अध्यक्ष राजीव नारायण ने अतिथियों का स्वागत किया। सचिव राजीव सक्सेना ने धन्यवाद ज्ञापन किया। संचालन सुधीर नारायण ने किया। इस अवसर पर कर्नल आर.के. सिंह, डॉ. गिरजाशंकर, शब्द मिश्रा, देवाशीष भौमिक, डॉ. डीवी शर्मा, संत भनोट, स्वाति मिश्रा आदि मौजूद रहे।
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