राजेश गोयल के चैंबर अध्यक्ष रहते चुनाव लड़ने पर प्रदीप वार्ष्णेय ने उठाए सवाल, चुनाव समिति ने रोकी अध्यक्ष की गतिविधियां
आगरा, 23 फरवरी। नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स यूपी आगरा के वार्षिक चुनावों के लिए बुधवार को नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के कुछ घंटे बाद ही कोर कमेटी के अध्यक्ष प्रदीप वार्ष्णेय ने राजेश गोयल के चैंबर अध्यक्ष बने रहते हुए नामांकन करने पर सवाल उठा दिए। उन्होंने चुनाव समिति के अध्यक्ष महेंद्र सिंघल को भेजे पत्र में राजेश गोयल से इस्तीफा लिए जाने की मांग कर दी।
वार्ष्णेय द्वारा उठाई गई मांग व्हाट्स ऐप ग्रुपों में वायरल होने के बाद चैंबर के कई सदस्यों ने इस पर प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी। मसले की गंभीरता समझते हुए चुनाव समिति के अध्यक्ष महेन्द्र सिंघल ने राजेश गोयल को मतदान की तिथि 14 मार्च तक चैंबर की कोई बैठक या आयोजन नहीं करने और किसी भी पूर्व निर्धारित बैठक या कार्यक्रम में भाग न लेने के निर्देश दे दिए। उनसे अपेक्षा की गई कि चैंबर के कार्यों के संबंध में स्टाफ को भी किसी प्रकार का निर्देश न दें।
राजेश गोयल ने भी चुनाव समिति के अध्यक्ष को बता दिया है कि वह "सेमी अध्यक्ष" की भूमिका निभा रहे हैं और चैंबर के पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों, बैठकों की जिम्मेदारी उपाध्यक्ष मनोज बंसल को सौंप दी है।
दरअसल बुधवार को नामांकन प्रक्रिया के पहले दिन राजेश गोयल द्वारा पुनः अध्यक्ष पद का पर्चा दाखिल किए जाने के साथ ही कुछ सदस्यों ने उनकी भूमिका पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। रात होते-होते यह मुद्दा गरमा गया और कोर कमेटी के अध्यक्ष प्रदीप वार्ष्णेय ने व्हाट्स एप संदेश के माध्यम से राजेश गोयल के इस्तीफे की मांग कर डाली।
उन्होंने लिखा, "कोर कमेटी के अध्यक्ष के रूप में मैं आपको सलाह देना चाहता हूं कि यदि अध्यक्ष पद के लिए कोई दूसरा उम्मीदवार नामांकन दाखिल करता है तो आपको अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि आप चैंबर के कामकाज में हस्तक्षेप कर सकते हैं और चुनाव समिति गारंटी नहीं दे सकती।
एक तरफ चुनाव समिति निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए बाहरी लोगों को रखना चाहती है, दूसरी तरफ मौजूदा अध्यक्ष ही उम्मीदवार होंगे, यह पूरी तरह से अनुचित है।"
सूत्रों का कहना है कि यह संदेश वायरल होने के बाद चुनाव समिति के अध्यक्ष महेंद्र सिंघल ने चैंबर अध्यक्ष राजेश गोयल को 14 मार्च तक अध्यक्ष के बजाय केवल प्रत्याशी की भूमिका में रहने के निर्देश दे दिए। सिंघल ने चैंबर स्टाफ को भी इस बारे में अवगत करा देने के निर्देश दिए।
लेकिन प्रदीप वार्ष्णेय ने गुरुवार की दोपहर चुनाव समिति को एक और पत्र भेज कर अपनी मांग को दोहरा दिया। उन्होंने लिखा कि यदि चुनाव की स्थिति बन रही है तो अधिक पारदर्शी एवं निष्पक्ष बनाने के लिए आवश्यक है कि चुनाव समिति राजेश गोयल से अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने को कहे। उन्होंने लिखा कि जब तक राजेश गोयल चैंबर के अध्यक्ष रहेंगे तब तक वे न केवल स्टाफ, बल्कि चुनाव समिति को भी फोन पर प्रभावित कर सकते हैं। चुनाव समिति का गठन उनके द्वारा ही किया गया है। हालाँकि, यदि उन्हें सर्वसम्मति से चुना जाता है तो राजेश गोयल के इस्तीफे की कोई आवश्यकता नहीं है।
कुछ लोग केवल नकारात्मक दृष्टिकोण से ही सोचते हैं -राजेश गोयल
इस बारे में पूछे जाने पर राजेश गोयल ने कहा कि वह चैंबर के संविधान और चुनाव समिति द्वारा तय मानदंडों का पूरा पालन कर रहे हैं। एक उपाध्यक्ष अनिल अग्रवाल के शहर से बाहर होने के कारण उन्होंने दूसरे उपाध्यक्ष मनोज बंसल को सभी कार्यों की जिम्मेदारी दे दी है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग केवल नकारात्मक दृष्टिकोण से ही सोचते हैं। उनकी सोच पर नियंत्रण संभव नहीं है।
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