लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न मिलेगा, पीएम ने सोशल मीडिया पर खुद दी जानकारी
नई दिल्ली, 03 फरवरी। भारतीय जनता पार्टी के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी को 96 साल की उम्र में देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान "भारत रत्न" से सम्मानित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद शनिवार को सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी।
इस खबर के साथ प्रदर्शित आडवाणी और मोदी के ये फोटो 8 नवंबर, 2022 के हैं, जब उनका 95वां जन्मदिन था। प्रधानमन्त्री ने इन्हीं फोटो के साथ भारत रत्न देने की जानकारी दी। मोदी ने लिखा- मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने लिखा, "मैंने उनसे बात भी की और उन्हें यह सम्मान दिए जाने पर बधाई दी। देश के विकास के लिए उनका योगदान कोई भूल नहीं सकता। उन्होंने जमीनी स्तर से काम शुरू किया था और वे देश के उप-प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे।"
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बाद आडवाणी भाजपा के दूसरे नेता और 50वें शख्स हैं, जिन्हें भारत रत्न दिया जाएगा। आडवाणी से पहले 23 जनवरी को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न (मरणोपरांत) देने का ऐलान किया जा चुका है। केंद्र सरकार एक साल में तीन लोगों को यह सम्मान दे सकती है।
मोदी ने लिखा, "वे हमारे समय के सबसे सम्मानित स्टेट्समैन हैं। देश के विकास के लिए उनका योगदान कोई भूल नहीं सकता। उन्होंने जमीनी स्तर से काम शुरू किया था और वे देश के उप-प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। वे देश के गृहमंत्री और सूचना-प्रसारण मंत्री भी रहे। उनकी संसदीय कार्यशैली हमेशा अनुकरणीय रहेगी। सार्वजनिक जीवन में आडवाणी जी दशकों तक पारदर्शिता और अखंडता के प्रति अटूट प्रतिबद्ध रहे। उन्होंने राजनीतिक नैतिकता में एक अनुकरणीय मानक स्थापित किया है। उन्होंने राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक पुनरुत्थान को आगे बढ़ाने की दिशा में अभूतपूर्व प्रयास किए हैं। उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाना मेरे लिए बहुत भावुक क्षण है। मैं इसे हमेशा अपना सौभाग्य मानूंगा कि मुझे उनके साथ बातचीत करने और उनसे सीखने के अनगिनत मौके मिले।"
गौरतलब है कि वर्ष 2015 में आडवाणी को देश के दूसरे सबसे नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। उसी साल पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न दिया गया था। तब के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी खुद उनके घर गए थे और उन्हें यह सम्मान दिया। वाजपेयी तब 90 साल के थे और अस्वस्थ थें। मुखर्जी ने प्रोटोकोल से हट कर पूर्व प्रधानमंत्री के कृष्ण मेनन मार्ग स्थित निवास पर जाकर उन्हें भारत रत्न दिया। वाजपेयी के अलावा इसी साल महामना मदन मोहन मालवीय को मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया था। वर्ष 2019 में प्रणब मुखर्जी को भी भारत रत्न से सम्मानित किया।
भाजपा के संस्थापक सदस्य और सातवें उप-प्रधानमंत्री रहे आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को कराची में हुआ था। वर्ष 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सातवें उप-प्रधानमंत्री रहे। इससे पहले वर्ष 1998 से 2004 के बीच एनडीए सरकार में गृहमंत्री रहे।
आडवाणी ने वर्ष 1987 में सोमनाथ से बिहार के समस्तीपुर तक की रथ यात्रा निकाली थी। उन्होंने इस यात्रा की जिम्मेदारी मोदी को सौंपी थी। राम मंदिर आंदोलन के लिए लालकृष्ण आडवाणी ने 63 साल की उम्र में गुजरात के सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा निकाली थी। 25 सितंबर 1990 से शुरू हुई इस यात्रा की कमान मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भाजपा के दिवंगत नेता प्रमोद महाजन से संभाली थी। यह आडवाणी की रथ यात्रा का ही कमाल था कि वर्ष 1984 में दो सीट जीतने वाली भाजपा को वर्ष 1991 में 120 सीटें मिलीं। इतना ही नहीं आडवाणी ने पूरे देश में एक हिन्दूवादी नेता के तौर पर पहचान बनाई। इसके अलावा मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार जैसे राज्यों में भाजपा को नई पहचान मिली। इस यात्रा के बाद आडवाणी पूरे देश में हिंदूवादी नेता के तौर पर स्थापित हुए थे, लेकिन वह अपनी यात्रा पूरी नहीं कर पाए थे। उन्हें बिहार के समस्तीपुर में 23 अक्टूबर 1990 को अरेस्ट कर लिया गया था।
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