अंतरिम बजट पर बोले उद्यमी, विशेषज्ञ: राहत की न उम्मीद थी, न की जानी चाहिए
आगरा, 01 फरवरी। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा गुरुवार को लोकसभा में पेश केंद्र सरकार के अंतरिम बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एफमेक के अध्यक्ष पूरन डावर ने कहा है कि यह अंतरिम बजट है किसी बड़ी घोषणा या राहत की न उम्मीद थी, न की जानी चाहिए। यदि की जाती तो चुनावी बजट कहलाता और विपक्ष का आरोप और धरना होता। सरकार के पास अधिकार नहीं थे, वैसे भी बजट में ये सस्ता या ये महँगा छोटी-छोटी बात नहीं होती। अब एक्साइज रिजीम नहीं है।
उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर बजट उद्बोधन या प्रावधान विकसित भारत की ओर संकल्प को दोहराना है। किसान, डेरी, एमएसएमई स्टार्ट्स अप, टूरिज्म पर प्रविधान सराहनीय हैं। लंबे समय के लिये ब्याजमुक्त फंडिंग, हाउसिंग, इंफ़्रा, ग़रीबों के लिये घर, रेल, रोड , जल कॉरिडोर, डिफ़ेंस पर बड़े खर्च रोज़गार के अवसर तो देंगे ही बड़े विकास की ओर छलांग भी लगायेंगे। कुल मिलाकर सरकार ने विकसित भारत के संकल्प को दोहराया है।
_____________________________________
इंस्टिट्यूट ऑफ कम्पनी सेक्रेटरीज़ ऑफ़ इंडिया के आगरा चैप्टर के पूर्व चेयरमैन सी.एस. भरत हासानी ने कहा कि वित्त मंत्री ने स्टार्टअप्स को कुछ लाभ पहुंचाने और संप्रभु धन या पेंशन फंड के निवेश को बढ़ाने का साहस दिखाया है। इसके साथ ही आगामी 31 मार्च को समाप्त हो रही कुछ आईएफएससी इकाइयों की कुछ आय पर कर छूट को निरंतर बनाए रखने के लिए इसे 31 मार्च 2025 तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है।
_____________________________________
चार्टर्ड एकाउंटेंट दीपिका मित्तल ने कहा कि सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लखपति दीदी का लक्ष्य दो करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ करने का फैसला किया है। सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के तहत सभी आशा वर्कर्स, आंगनवाड़ी वर्कर्स को भी कवर किये जाने की योजना बनाई है।
बजट में वित्त मंत्री ने कुछ ईमानदार करदाताओं को राहत देते हुए पुराने विवादों के समाधान के तहत वर्ष 2009-10 तक की अवधि से संबंधित पच्चीस हजार रुपये तक तथा वित्तीय वर्ष 2010-11 से वर्ष 2014-15 से संबंधित दस हजार रुपये तक की बकाया प्रत्यक्ष कर मांगों को वापस लेने का प्रस्ताव रखा है। इस प्रस्ताव से लगभग एक करोड़ करदाताओं को लाभ मिलने की उम्मीद है।
_____________________________________
Post a Comment
0 Comments