अंतरिम बजट पर उद्यमियों की प्रतिक्रिया -2
आगरा, 01 फरवरी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा गुरुवार को लोकसभा में प्रस्तुत अंतरिम बजट पर चर्चा हेतु चैम्बर भवन में राजेश गोयल की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन एवं पूर्व अध्यक्ष अनिल वर्मा एवं अन्य सीए व कर विशेषज्ञों ने अपने विचार प्रस्तुत किये। सभी ने बजट की सराहना करते हुए कहा कि यह सरकार का एक अंतरिम बजट है। इसमें सरकार द्वारा चलाई जा रही नीतियों एवं योजनाओं की समीक्षा की गई है। विकास पर जोर दिया गया है। इस बजट से उद्यमी और व्यापारी पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं है। आयकर अधिभार जो अधिकतम 37 प्रतिशत है को घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया है। जो स्वागत योग्य है। 2009 तक कर बकाया की मांग 25 हजार तक थी उसे समाप्त कर दिया है और 2010 से 2014 तक 10 हजार तक मांग थी, उसे समाप्त कर दिया है।
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फुटवियर उद्यमी कुलदीप कोहली का कहना है कि इस बजट में एक बार फिर फुटवियर इंडस्ट्री खाली हाथ रह गई है। उम्मीद थी कि सभी श्रेणियों में जीएसटी को घटाकर 7.5% कर दिया जाएगा। फुटवियर उद्योग के लिए किसी नई सब्सिडी की घोषणा नहीं की गई है। जूते आम आदमी की बुनियादी जरूरत है जिसे जीएसटी से बाहर रखा जाना चाहिए जैसा कि कपड़ा के मामले में है।
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लघु उद्योग भारती के प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक अग्रवाल ने कहा कि पीएम मुद्रा योजना ने कुल मिलाकर 43 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए हैं। युवाओं की उद्यमशीलता आकांक्षाओं के लिए 22.5 लाख करोड़ रखे गए हैं। इसके अलावा, फंड ऑफ फंड्स, स्टार्ट अप इंडिया और स्टार्ट अप क्रेडिट गारंटी योजनाएं हमारे युवाओं की सहायता कर रही हैं। वे भी 'रोजगारदाता' बन रहे हैं। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को विकसित करने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए समय पर और पर्याप्त वित्त, प्रासंगिक प्रौद्योगिकियों और उचित प्रशिक्षण सुनिश्चित करना सरकार की एक महत्वपूर्ण नीतिगत प्राथमिकता है।
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