जमीन विवाद में सांसद चाहर का नया दांव, कोई मालिक नजर नहीं आता, सरकार अपने अधीन लेकर गरीबों के लिए आवास बनवाये

आगरा, 20 जनवरी। जगदीशपुरा क्षेत्र की करोड़ों की जमीन के विवाद में अब फतेहपुरसीकरी के सांसद राजकुमार चाहर ने नया दांव चल दिया है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे पत्र में कहा है कि उनकी नजर में इस विवादित भूमि का सही मायने में कोई मालिक प्रतीत नहीं होता है, अतः जांच के बाद समूची जमीन को सरकार को अपने अधीन लेते हुए गरीबी रेखा से नीचे आने वालों के लिये पीएम आवास योजना और सीएम आवास योजना अंतर्गत आवासों का निर्माण कराकर उन्हें आवंटन कर देना चाहिए।
सांसद चाहर ने "न्यूज नजरिया" को जानकारी दी कि विगत दिवस "किसान संवाद" में उनकी मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग हुई। इस दौरान चाहर ने कहा कि विवादित जमीन का कोई सच्चा मालिक प्रतीत नहीं होता है, फिर भी किसी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी से जाँच करा ली जाये और अगर सब फर्जी दावेदार हैं तो गरीबों को मकान बनाकर दे दिये जायें। जो पीड़ित परिवार रह रहा है, उस सहित शहर व देहात के सभी पात्र गरीबों को मकान बनाकर दे दिया जाएं। चाहर ने बताया कि मुख्यमंत्री ने मुस्कुराते हुए कहा कि अधिकारियों से जाँच पूरी करा लेते हैं, यही करेंगे।
इसके बाद सांसद ने इस आशय का पत्र भी मुख्यमंत्री को भेज दिया है। पत्र में कहा गया है कि चार बीघा जमीन का विवाद अनेक वर्षों से चला आ रहा है। अनेक प्रकार के अनुबंध अनेक लोगों पर हैं। जमीनी टाइटल की बिन्दुवार गहनता से जांच किसी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के नेतृत्व में किया जाना अत्यंत आवश्यक है, जिससे स्पष्ट हो सके कि जमीन का असली हकदार कौन है। यदि जमीन जांच उपरान्त भी विवादित निकले तो उस स्थिति में उक्त जमीन पर गरीबों के लिए सरकारी आवास बनवा दिए जाएं।
गौरतलब है कि इस जमीन के चौकीदार व अन्य को फर्जी मामलों में जेल भेजने के आरोप में थाना जगदीशपुरा प्रभारी और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है। पुलिस ने थाना प्रभारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। अन्य नामजद अभियुक्त फरार चल रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए इनाम भी घोषित किया जा चुका है। 
पूरे मामले के पीछे प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय का नाम लिया जा रहा था। पिछले दिनों उपाध्याय ने प्रेस कांफ्रेंस कर अपना पक्ष सभी तथ्यों के साथ रखा था। साथ ही पूरे विवाद के पीछे सपा परिवार से जुड़े मनोज यादव का नाम लिया था। उपाध्याय ने सांसद चाहर पर भी मनोज यादव का साझीदार होने का आरोप लगाया था। 
अगले दिन सांसद राजकुमार चाहर ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्वयं पर लगे आरोपों को गलत बताया और कहा था कि वह केवल पीड़ित पक्ष को न्याय की बात कर रहे हैं। इसके अगले दिन चाहर ने लखनऊ जाकर भी मुख्यमंत्री योगी के समक्ष अपना पक्ष रखा था।
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