कहीं टूट न जाए लोकल गाइडों का सपना!

- पर्यटन विभाग द्वारा जारी किए जा रहे लाइसेंसों पर सवाल
- क्या एएसआई की मुहर और हस्ताक्षर के बिना मिलेगी मान्यता
आगरा, 01 नवंबर। पर्यटन व्यवसाय से जुड़े महेंद्र सोनी ने एक बयान में कहा है कि पर्यटन प्रबन्ध संस्थान द्वारा लोकल गाइडों को वितरित किए जा रहे लाइसेंस व परिचय पत्रों पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की मुहर और हस्ताक्षर न होने से इन लाइसेंसों पर प्रश्न चिन्ह लग गया है।
उन्होंने आशंका जताई कि बिना एएसआई की मुहर और हस्ताक्षर के इन लाइसेंसों को स्मारकों में मान्यता नहीं मिलेगी और ऐसे गाइडों को स्मारकों में घुसने नहीं दिया जायेगा। सोनी ने कहा कि ऐसा होने पर नौ सौ से एक हजार गाइडों का भविष्य अंधकारमय हो जायेगा।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा वर्ष 2019 और 2020 में गाइडों की परीक्षा व ट्रेनिंग आयोजित की गई थी। यह ट्रेनिंग लखनऊ के कांशीराम पर्यटन इंस्टीट्यूट में हुई थी। उसके बाद इन लोकल गाइडों को विगत 31 अक्टूबर से लाइसेंस देने की प्रक्रिया शुरू की गई। आगरा मण्डल के गाइडों को संयुक्त निदेशक पर्यटन कार्यालय, 64 ताज रोड पर ये लाइसेंस दिए जा रहे हैं। लाइसेंस सूची में आगरा के 804 लोगों के नाम शामिल हैं।
सोनी ने इस बारे में पर्यटन विभाग के अधिकारियों से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है।
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