करवा चौथ: चंद्रोदय का समय रात 8:38 बजे

आगरा, 01 नवम्बर। सुहागिनों का महापर्व करवा चौथ आज हिंदू परिवारों में घर घर मनाया जा रहा है।
इस व्रत में सुहागिन महिलाएं सूर्योदय से लेकर शाम को चंद्रोदय तक उपवास रखती हैं। दिनभर निराहार और निर्जला व्रत रखते हुए शाम के समय करवा माता की पूजा, आरती और कथा सुनती हैं। इसके बाद शाम को चंद्रमा के दर्शन करती हैं। फिर चंद्रमा को अर्घ्य देते हुए अपने पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत खोलती हैं। इसके बाद सभी सुहागिन महिलाएं अपने सास-ससुर और बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद लेते हुए करवा चौथ का पारण करती हैं। इस व्रत में पूजा के शुभ मुहूर्त का भी विशेष महत्व माना गया है। 
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, चंद्रोदय का समय रात 8:38 बजे है। करवा चौथ पर सर्वार्थ सिद्धि और शिव राज योग होने से पूजा सभी के लिए फलदायी होगी। 
पूजन के लिए पीली स्वच्छ मिट्टी से भगवान शिव, मां पार्वती और विघ्न विनाशक गणपति की प्रतिमा बनाई जाती है। मूर्तियों को लकड़ी की एक चौकी पर स्थापित करके गंगाजल से शुद्ध करें। माता पार्वती को लाल चुनरी ओढ़ाकर उनका शृंगार करें। भगवान शिव और गणेशजी पुष्प-वस्त्र, माला आदि से सजा दें। करवे में जल रखें घी का सुंदर दीपक और धूप भगवान के समक्ष जलाएं करवा चौथ की कहानी सुनाएं। भगवान को पूड़ी, पूए, लड्डू, मीठी मठरी, नैवेद्य, मेवा आदि भोग लगाएं फिर गौर पार्वतीजी की आरती करें और उनसे अपने पति की दीर्घायु एवं निरोगी काया के लिए प्रार्थना करें। रात में चंद्र दर्शन, पूजन कर जल अर्पित करके व्रत पूर्ण होता है।


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