शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता की पार्थिव देह को मुखाग्नि देता छोटा भाई ऋषभ गुप्ता।
शहीद बेटे को अंतिम सलामी देते पिता डीजीसी बसंत गुप्ता।
शहीद के पिता बसंत गुप्ता को गले लगाकर सांत्वना देते यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक।
शहीद मां को प्रदेश सरकार की ओर से पचास लाख रुपये की सहायता राशि का चेक सौंपते प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और विधायक डा जीएस धर्मेश।
अंतिम सफर पर शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता का पार्थिव शरीर।
अंतिम विदाई देने उमड़ी भीड़।
शहीद शुभम गुप्ता की पार्थिव देह पैतृक गांव कुआंखेड़ा पहुंचने पर उमड़ी भीड़।
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आगरा, 24 नवंबर। जम्मू-कश्मीर के राजौरी में बुधवार को हुई आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद हुए ताजनगरी के कैप्टन शुभम गुप्ता का आज शुक्रवार की शाम भारी शोकाकुल माहौल में उनके पैतृक गांव कुआंखेड़ा में पूरे सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। छोटे भाई ऋषभ गुप्ता ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी। हजारों लोगों ने नम आंखों से शहीद को अंतिम विदाई दी। प्रदेश सरकार की ओर से उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने शहीद को श्रद्धांजलि दी। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने राज्य सरकार की ओर से शहीद की मां को पचास लाख रुपये की सहायता राशि का चेक सौंपा।
इसके पहले शहीद का पार्थिव शरीर खेरिया हवाई अड्डे से सायं करीब पांच बजे प्रतीक एंकलेव स्थित उनके घर पहुंचा। यहां बड़ी संख्या में लोगों ने श्रद्धांजलि दी। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक भी पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद यहां से पांच किलोमीटर दूर उनके गांव कुआंखेड़ा के लिए अंतिम यात्रा शुरू हुई। शहीद को अंतिम श्रद्धांजलि देने बड़ी संख्या में लोग उनके गांव भी पहुंचे।
कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने शहीद के घरवालों को सरकार की ओर से 50 लाख रुपये की सहायता राशि का चेक देते हुए कहा कि सरकार परिवार के एक सदस्य को नौकरी देगी। शहर की एक सड़क का नाम शहीद के नाम पर रखा जाएगा। पैतृक गांव में शुभम गुप्ता के नाम पर स्मारक भी बनवाएंगे। इस दौरान फोटोग्राफी पर शहीद की मां ने आपत्ति की। वह रोते हुए बोलीं- "मेरे लिए प्रदर्शनी मत लगाओ भाई...। मेरा बेटा वापस दिला दो।"
कैप्टन शुभम गुप्ता के शहीद होने की खबर पाकर गुरुवार शाम को उनके साथ ट्रेनिंग करने वाले दोस्त भी आगरा पहुंचे। दोस्तों की आंखों में आंसू थे। शहीद के पिता बसंत गुप्ता से दोस्तों ने मुलाकात की। उन्हें ढांढस बंधाया। दोस्तों ने कहा, "आपका बेटा वो काम कर गया है, जो हर कोई नहीं कर सकता। आप चिंता न करें, एक बेटा गया तो दस बेटे आपके साथ खड़े हैं।" बेटे को याद कर पिता फूट-फूट कर रोने लगे।
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